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भोपाल

‘व्यापारी बिल दे रहे हैं या नहीं’ जानने के लिए ग्राहक बनकर दुकानों में पहुंचेंगे अधिकारी

ग्राहक बनकर अधिकारी जांचेंगे कि व्यापारी बिल दे रहे हैं या नहींजीएसटी : जीएसटीआर-9, 9ए तथा 9सी में गड़बड़ी पाई गई तो नोटिस दिया जाएगा

भोपालJul 18, 2019 / 03:35 pm

KRISHNAKANT SHUKLA

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‘व्यापारी बिल दे रहे हैं या नहीं’ जानने के लिए ग्राहक बनकर दुकानों में पहुंचेंगे अधिकारी

भोपाल. वस्तु एवं सेवा कर ( GST ) के नियमानुसार यदि कोई दुकानदार ( shopkeepers ) ग्राहक को बिल ( bill ) नहीं देता, समय पर रिटर्न फाइल ( return file ) नहीं करता या माल बिक्री को छुपा कर टैक्स चोरी करता है तो ऐसे मामले में जीएसटी विभाग ( gst Department ) के अधिकारी ग्राहक ( costmer ) बनकर भी व्यवसायी के प्रतिष्ठान पर पहुंचकर दस्तावेजों की जांच कर सकते हैं। इसी आधार पर जीएसटी अधिकारी दुकानों एवं संस्थानों की जांच करेंगे।

जीएसटी का वर्ष 2017-18 का वार्षिक रिटर्न जमा करने की आखिरी तारीख 31 अगस्त है। इस तारीख तक रिटर्न जमा करना है। विभाग इन रिटर्न को 31 अगस्त 2024 (अगले पांच साल) तक जांच सकता है। यदि जीएसटीआर-9, 9ए तथा 9सी में गड़बड़ी पाई गई तो नोटिस दिया जाएगा। इसके अलावा अधिकारी ग्राहक बनकर भी दुकान पर पहुंच सकते हैं।

एक्सपर्ट बताते हैं कि जीएसटी में कमिश्नर को यह अधिकार है कि वह करदाता का ऑडिट घर पहुंचकर भी करवा सकते हैं। इसके अलावा कार्यालय बुलवाकर भी ऑडिट की जांच कर सकते हैं।

इसके लिए तीन से छह माह का समय करदाता को देंगे। यदि ऑडिट में चूक हो गई है तो जीएसटी के सेक्शन 73 एवं 74 के अंतर्गत कार्रवाई की जाएगी। सेक्शन 66 में हिसाब-किताब में यदि गड़बड़ी है तो कमिश्नर की अनुमति लेकर ऑडिट करवाया जा सकता है।

जेल तक का प्रावधान

जीएसटी के नियमानुसार यदि रिटर्न में चूक होती है तो व्यापारी को जुर्माना के साथ जेल भी हो सकती है। यह जानकारी जीएसटी एक्सपर्ट एवं सीए सुनील पी. जैन ने भोपाल टैक्स प्रेक्टिशनर एसोसिएशन द्वारा आयोजित सेमिनार में दी। उन्होंने वार्षिक रिटन्र्स एवं ऑडिट के प्रारूप को विस्तार से बताया।

एसो.अध्यक्ष अमित तिवारी, एमपीटीएलबीए अध्यक्ष एके लखोटिया ने भी विचार रखे। कमर्शियल टैक्स प्रेक्टिशनर्स एसोसिएशन, इंदौर के अध्यक्ष एके गौर ने डीम्ड-कर निर्धारण योजना पर प्रकाश डाला। सेमिनार में कर सलाहकार, विधि अधिवक्तागण तथा सीए आदि उपस्थित थे।

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