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ग्रीन कॉफी और ब्राउन कॉफी में अंतर
हालांकि कॉफी पर कई सालों से प्रयोग किया जा रहा है, लेकिन ग्रीन कॉफी पिछले कुछ सालों से ही लोगों में पॉपुलर हुई है। इसमें मौजूद पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स और मेटाबॉलिज्म बढ़ाने वाले तत्व सेहत के लिए काफी फायदेमंद होते हैं। दरअसल आप अब तक जिस ब्राउन कॉफी को पीते रहे हैं, ग्रीन कॉफी भी वही है। फर्क केवल इतना है कि कॉफी के बीजों को रोस्ट (भून) कर दिया जाता है, जिससे उनका रंग ब्राउन हो जाता है। इसके साथ ही रोस्ट करने के दौरान कॉफी में प्राकृतिक रूप से मौजूद पोषक तत्व खत्म हो जाते हैं। मगर उसी कॉफी को अगर प्राकृतिक स्वरूप यानी ग्रीन कॉफी के रूप में प्रयोग करें, तो उससे आपको स्वास्थ्य से संबंधित कई लाभ मिलते हैं।
वज़न घटाने में कारगर
वजन घटाने के लिए ग्रीन टी के बाद अब ग्रीन कॉफी को भी काफी प्राथमिकता दी जाने लगी है। इसके पीछे वजह ये है कि, ग्रीन कॉफी में क्लोरोजेनिक एसिड नाम का एक विशेष तत्व होता है, जो वजन घटाने में मदद करता है। ये शरीर में जमा फैट और ग्लूकोज को तेजी से जलाने में सहायक होता है, जिससे व्यक्ति का मोटापा धीरे-धीरे कम होने लगता है। हालांकि, सिर्फ कॉफी पीने से ही वजन नहीं घटाया जा सकता। इसके साथ साथ आपको रोजाना कुछ देर व्यायाम और पैदल चलना भी ज़रूरी है।
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गंभीर रोगों से बचाती है ग्रीन कॉफी
ग्रीन कॉफी के बीन्स में भरपूर मात्रा में एंटीऑक्सीडेंट्स पाया जाता है। ये पावरफुल एंटीऑक्सीडेंट्स फ्री रेडिकल्स से लड़ने में काफी मददगार होता है, जिसकी वजह से कैंसर, डायबिटीज, हृदय रोग जैसी कई गंभीर बीमारियों से रोकथाम होती है। इसके अलावा ग्रीन कॉफी में मौजूद एंटीऑक्सीडेंट्स त्वचा पर चमक बढ़ाकर उसकी टाइटनेस बढ़ाता है, जिससे आप लंबे समय तक जवान बने रहते हैं।
इस तरह पिएं ग्रीन कॉफी
ग्रीन कॉफी बनाने के लिए सबसे पहले एक कप पानी उबालें या गर्म पानी लें। इसमें एक या डेढ़ चम्मच ग्रीन कॉफी पाउडर मिलाएं और 20 मिनट के लिए छोड़ दें। इसके बाद इसे कप में छान लें य़ा बिना छाने ही पिएं। आप चाहें तो टेस्ट के लिए इसमें एक चम्मच शहद भी मिला सकते हैं। डायबिटीज के रोगी शहद न मिलाएं।