अब राज्य सरकार का लक्ष्य पांच साल में कम से कम ढाई लाख लोगों को सरकारी नौकरी देने का है। 2023 के विधानसभा चुनाव में भाजपा ने मतदाताओं से ऐसा वादा किया था। संकल्प-पत्र के वादे को पूरा करने की दिशा में सरकार ने काम शुरू किया है।
बेरोजगारी दर के आंकड़ों में राहत
मध्यप्रदेश के लिए यह राहत की बात है कि यहां अन्य राज्यों की तुलना में बेरोजगारी दर कम है। पीरियोडिक लेबर फोर्स सर्वे 2023-24 के मुताबिक मप्र में बेरोजगारी दर महज 0.9 प्रतिशत है। यह देश में सबसे कम है। 2022-23 में मध्यप्रदेश में बेरोजगारी दर 1.6 प्रतिशत थी और 2017-18 में यह 4.5 प्रतिशत रही। देश में औसत बेरोजगारी दर 3.2 प्रतिशत है। गोवा में सबसे ज्यादा 8.5 प्रतिशत है।
दिसंबर में भर्ती की तैयारी
राज्य सरकार की तैयारी दिसंबर से सरकारी विभागों में भर्ती शुरू करने की है। खाली पदों की जानकारी मांगी गई है। जानकारी मिलने के बाद भर्ती प्रक्रिया शुरू होगी। खाली पदों के विज्ञापन प्रकाशित कर आवेदन मंगाए जाएंगे। प्रारंभिक जानकारी के मुताबिक स्वास्थ्य विभाग में सर्वाधिक 61 हजार पद खाली हैं। स्कूल शिक्षा में 19 हजार, पुलिस में 7500, उच्च शिक्षा विभाग में 2100 पद खाली हैं। पुलिस महकमे में आगामी दो वर्ष में 15 हजार जवानों की भर्ती होगी।
बेरोजगारी दर कम करने के प्रयास
प्रदेश में बेरोजगारी दर कम करने के लिए राज्य सरकार समय-समय पर प्रयास करती रही है। प्रयास जारी भी हैं। मोहन सरकार की बात करें तो हाल ही में कई रीजनल इंडस्ट्री कॉन्क्लेव में सैकड़ों उद्योगपतियों ने प्रदेश में निवेश करने की इच्छा जताई। टूरिज्म फिल्म पॉलिसी भी बनाई गई है। इसके जरिए भी रोजगार देने की कोशिश है। उज्जैन में आइटी पार्क बनेगा।
सरकारी नौकरी के लिए हर साल जारी किया जाएगा कैलेंडर
-सरकारी नौकरियों में भर्ती के लिए हर साल कैलेंडर जारी किया जाएगा। -सीधी भर्ती के लिए पहले तय किए गए 5% पदों की सीमा को स्थगित कर दिया गया है। यह निर्णय साल 2028-29 तक प्रभावी रहेगा। -घुमंतू और अर्ध घुमंतू समुदाय के लिए स्थाई रोजगार के अवसर मिलेंगे। – बैंकों से ऋण दिया जाएगा।
यह भी खास
25 लाख 82 हजार 759 लोग बेरोजगार मध्यप्रदेश में 10,17,519 ओबीसी वर्ग के बेरोजगार 07 लाख के करीब सामान्य वर्ग के 4.38 लाख एससी वर्ग के 04 लाख से ज्यादा एसटी वर्ग के बेरोजगार 14.39 लाख एमएसएमई इकाइयां पंजीबद्ध सूबे में
75 लाख से ज्यादा को को रोजगार का दावा 45 हजार 710 करोड़ रुपए का हुआ निवेश
समिति बनाकर हकीकत जानें
आउटसोर्स पर 8 से 10 हजार की नौकरी देने, स्वरोजगार के नाम पर चंद युवाओं को लोन और निजी क्षेत्रों में काम करने वाले युवाओं का डेटा लेकर उन्हें रोजगार पाने वाला बताया जा रहा है। हकीकत जाननी है तो सर्वदलीय राज्य स्तरीय कमेटी गठित कर जांच करा ली जाए। रंजीत किसानवंशी, युवा मामलों के जानकार
प्रक्रिया में ठहराव
बीते कुछ वर्षों से भर्ती प्रक्रिया में बड़ा ठहराव देखने को मिल रहा है। विभाग खाली हो रहे हैं। सरकार जितनी घोषणाएं कर रही है, उसे जमीन पर उतारने के लिए कर्मचारी चाहिए। कमी से जनता को समय पर लाभ नहीं मिल रहा। – वीरेंद्र खोंगल, पूर्व सदस्य, मप्र कर्मचारी आयोग
दैवेभो का हक
सरकार को चाहिए कि भर्ती प्रक्रिया शुरू करने से पहले दैनिक वेतनभोगियों और स्थाई कर्मियों को नियमित किया जाए। जो पद शेष बचें उन पर अन्य के आवेदन बुलाए जाएं। सरकार ऐसा नहीं करती है तो कोर्ट जाएंगे। इस संबंध में मुख्यमंत्री को भी अवगत करा दिया गया है। -अशोक पाण्डेय, अध्यक्ष मध्य प्रदेश कर्मचारी मंच
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