दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यवाही के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमारे ऊपर वाले नंबर एक या नंबर दो का आदेश हुआ तो चौबीस घंटे भी इनकी सरकार नहीं चली। इस बयान के बाद सदन में खलबली मच गई। गोपाल भार्गव के बयान के बाद ही सदन में बीजेपी पर सीएम कमलनाथ बरसे।
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शिवराज सिंह का बेतुका बयान, ‘सत्ता पर काबिज है बेईमान सरकार, इसलिए नहीं हो रही है बारिश’ विधानसभा में सीएम कमलनाथ ने कहा कि रोज-रोज बोलते हैं कि अल्पमत में सरकार है। अगर ऐसी बात है तो सदन में आज ही अविश्वास प्रस्ताव लाया जाए। इनके नंबर एक और नंबर दो ज्यादा समझदार हैं। यहां बैठे लोग बिकाऊ नहीं हैं। आज ही अविश्वास प्रस्ताव लेकर आए विपक्ष। सरकार पूरे पांच साल तक अपने दम पर चलेगी।
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OBC को मध्यप्रदेश में मिलेगा 27% आरक्षण, विधानसभा में बिल पास वहीं, इन विवादों के बीच बसपा विधायक रामबाई बोलीं कि हमलोग कमलनाथ के साथ मजबूती के साथ खड़े हैं। कोई भी इनकी सरकार को नहीं गिरा सकता है। बसपा पूरी तरह से कमलनाथजी के साथ खड़ी है। हमलोग एक बिल्कुल अंगद की तरह खड़े हैं।
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कर्नाटक में ‘खेल खत्म’, क्या अब मध्यप्रदेश की है बारी ? ये है स्थिति दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा में 230 विधायकों में से कांग्रेस के पास 114 विधायक हैं। यह सरकार चार निर्दलियों, बीएसपी के दो और एसपी के एक विधायक के समर्थन से चल रही है। जबकि बीजेपी के पास 107 विधायक हैं। सियासी जानकारों को लगता है कि कमलनाथ सरकार इस बात को लेकर सचेत है। क्योंकि पिछले दिनों 11 दिन के अंदर ही तीन बार सीएम ने विधायकों की बैठक ली थी।