यूरोप, अफ्रीका, रूस, साइबेरिया से सर्दी के मौसम में पक्षी राजधानी पहुंचते हैं। कई प्रजातियां दुर्लभ हैं। इनमें साइबेरिया से साइबेरियन क्रेन, अफ्रीका से डेमोसिल क्रेन यूरोप और एशिया में पाया जाने वाला व्लाइट टेल्ड ईगल शामिल है। बड़े तालाब की रामसर साइट्स के अलावा कोलार, शाहपुरा और आसपास बांधों में भी ये नजर आए, लेकिन संख्या कम है। पिछले साल की बर्ड काउंटिंग में 35 हजार प्रवासी और अप्रवासी पक्षी थे अब तक गिनती के तहत यह संख्या करीब 25 हजार है। एक्सपर्ट के मुताबिक माइग्रेटेड बर्ड दूसरे देशों से भारत आ चुके हैं।
वन विभाग और eco टूरिज्म करा रहा काउंटिंग: वन विभाग और ईको टूरिज्म पक्षियों की गणना करा रहा है। bhopal बर्ड संस्था के मोहम्मद खालिक के मुताबिक अभी भोज वेटलैंड पर काम चल रहा है। रामसर साइट इसमें शामिल है।
पहले बढ़े,फिर घटे
बीते तीन साल में शहर में एक लाख 19 हजार पक्षी पहुंचे। yearwise संख्या इस प्रकार है year पक्षियों की संख्या 2022 – 53,323
2023 – 30,320
2024 – 35,599
आसपास के गांवों में डेरा डाला
Migratory बर्ड ने इस साल शहर के अलावा आसपास के गांवों में डेरा डाला है। हर साल करीब 200 प्रजातियों के पक्षी यहां पहुंचते हैं इनमें से विदेशी बर्ड की करीब 35 विदेशी प्रजातियां ही चिन्हित हो पाईं। अधिकांश शहर के आसपास के हिस्सों में हैं। वन विभाग की birds काउंटिंग में इसका खुलासा हुआ।