शहर की डॉयटीशियन पवित्रा श्रीवास्तव बताती है कि पेट के संक्रमण के प्रमुख कारण अनियमित दिनचर्या और गलत खान-पान हैं। मनुष्य के शरीर में आहार नली का हिस्सा है जो पेट से गुदा तक फैली होती है, क्षेत्र का अंतिम हिस्सा आंत में उस समय तक के लिए पचे हुए भोजन के अवशिष्ट पदार्थ जमा रहते हैं जब तक उसे मल के रूप में शरीर से निकाल नहीं दिया जाता। इसके अस्वस्थ होने का असर हमारे स्वास्थ्य पर पड़ता है। इसलिए आंतों का स्वस्थ होना बहुत जरूरी है।
डॉक्टर्स बताते है कि अगर हर 10 दिन में आंतों की सफाई कर लें तो शरीर की यह मशीन लगभग नई होकर अपना काम फिर से सही रुप से करने लगती है। हम जो भी खाते हैं फल, सब्ज़ी, अन्न, पानी वह सब हमारा शरीर बनाते हैं। हमारे अद्भुत पेट में उसका पाचन होकर वह शरीर की कोशिकाओं और अंगों का पोषण करते हुए नए शरीर का निर्माण करता है।
करें इस चूर्ण का प्रयोग
शहर के आयुर्वेदिक एक्सपर्ट किशोरी लाल बताते है कि पेट से जुड़ी किसी भी परेशानी के लिए त्रिफला चूर्ण का प्रयोग करना चाहिए। त्रिफला असल में आंवला, हरड़ और बहेड़े के समभाग पाउडर का मिश्रण है। ये पचे हुए भोजन के अवशिष्ट पदार्थ को सरलता से पेट से बाहर निकाल देता है। साथ ही शरीर पर इसका कोई भी साइड इफेक्ट नहीं होता है। आप चाहें तो इसे गर्म पानी में डालकर काढ़ा भी बना सकते हैं। अगर समस्या ज्यादा है तो खाने से पहले डॉक्टर से संपर्क जरूर कर लें।