scriptचंबा में पूजा के लिए गणेश और विष्णु थाल किए जाते हैं तैयार | Ganesh and Vishnu Thal are prepared for worship in Chamba | Patrika News
भोपाल

चंबा में पूजा के लिए गणेश और विष्णु थाल किए जाते हैं तैयार

मानव संग्रहालय की सप्ताह का प्रादर्श शृंखला में चंबा थाल(दशावतार थाली) को एग्जीबिट किया गया

भोपालApr 27, 2023 / 11:58 pm

hitesh sharma

jt_manav.jpg

manav sangrahalaya

भोपाल। मानव संग्रहालय की सप्ताह का प्रादर्श शृंखला में चंबा थाल(दशावतार थाली) को एग्जीबिट किया गया। इसे हिमाचल प्रदेश के चंबा जिले के लोक समुदाय से 2023 में संकलित किया गया। संग्रहालय के निदेशक डॉ. भुवन विक्रम ने बताया कि चंबा थाल पीतल की एक अलंकृत थाली है जिस पर देवी-देवताओं की उभरी हुई आकृतियां हैं। यह चंबा धातु शिल्प की एक महत्वपूर्ण वस्तु है। छोटे औजारों का उपयोग करके पीतल की एक सपाट थाली पर एक डिजाइन बनाया जाता है।

उन्होंने बताया कि चंबा की धातु शिल्प परंपरा में दो प्रकार के थाल प्रचलित हैं। एक गणेश थाल और दूसरा विष्णु थाल। यहां दिखाया गया प्रादर्श एक बड़े आकार की पारंपरिक अनुष्ठानिक थाली है जिसमें केंद्रीय आकृति के रूप में भगवान विष्णु को कमल पर विराजमान और अपने अवतारों, मत्स्य, कूर्म, वराह, नरसिंह, वामन, परशुराम, राम, कृष्ण और कल्कि से घिरे दर्शाया गया है। इस पारंपरिक थाल का उपयोग गद्दी और अन्य लोक समुदायों द्वारा घरों और मंदिरों में चढ़ावा रखने के साथ-साथ विवाह समारोह और अन्य शुभ अवसरों पर भी किया जाता है।

मनुष्य के झूठ, मक्कारी, रिश्तवतखोरी ने अंतरआत्मा को मार दिया
शहीद भवन में अखिल भारतीय साहित्य परिषद की साहित्यकार डॉ. साधना बलवटे के सद्य प्रकाशित व्यंग्य संग्रह ‘न काहू से दोस्ती हमरा सबसे बैर’ का विमोचन किया गया। इस अवसर पर कार्यक्रम में परिषद के राष्ट्रीय संगठन मंत्री श्रीधर पराड़कर, रंगकर्मी राजीव वर्मा व विशिष्ट अतिथि विजय जोशी के साथ ही भोपाल इकाई की अध्यक्ष डॉ. नुसरत मेहदी व महामंत्री सुनीता यादव उपस्थित थीं। कार्यक्रम में त्रिकर्षि संस्था की ओर से नाट्य प्रस्तुति ‘नैनं छिंदंति शस्त्राणि’ का मंचन किया गया।

jt_drama2.jpg
https://www.dailymotion.com/embed/video/x8kh9g4

सजा से कष्ट नहीं हो रहा

नाटक का निर्देशन आदर्श शर्मा ने किया। 15 मिनट की इस प्रस्तुति में स्वर्ग और नरक को दिखाया, जो कि समाज पर व्यंग्य करता नजर आया। नाटक में यमलोक के नर्क में आत्माएं मजे कर रही हैं उनको किसी भी प्रकार की सजा से कष्ट नहीं हो रहा होता है। यमराज इसकी तफ्तीश करवाते हैं तो पता चलता है कि मृत्युलोक की सभी आत्माएं मर चुकी हैं। मनुष्य ने उसकी जगह स्वार्थ नाम की बैटरी लगा रखी है। तब यमराज कहते हैं कि आत्मा मर नहीं सकती है। किन्तु दूत बताते हैं कि मनुष्य के पास परमाणु बम से भी अधिक खतरनाक शस्त्र हैं। झूठ, मक्कारी, रिश्वतखोरी, धोखाधड़ी नाम के, जिनसे उन्होंने आत्माओं को मार दिया है।

0:00

Hindi News / Bhopal / चंबा में पूजा के लिए गणेश और विष्णु थाल किए जाते हैं तैयार

ट्रेंडिंग वीडियो