35 थोक व्यापारी दिनभर में बेच देते हैं 15 टन पॉलीथिन
पॉलीथिन के 35 थोक व्यापारी शहर में हैं और रोजाना 15 टन अमानक केरी बैग का विक्रय कर देते हैं। नगर निगम के जोन क्रमांक तीन और चार में ये कारोबार कर रहे हैं। निगम इनसे कारोबार बंद करने की बात कह रहा है, बावजूद इसके इनका काम चालू है। नगर निगम के सहायक स्वास्थ्य अधिकारियों की मिलीभगत इसमें शामिल है। कुछ ही समय पहले प्रभारी सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अजय श्रवण को पॉलीथिन कारोबारी से हफ्ता वसूली की शिकायत के बाद लोकायुक्त ने रंगे हाथ पकड़ा था। अब सवाल ये है कि शहर में 40 से 50 माइक्रोन की पॉलीथिन ही धड़ल्ले से बिक रही, ऐसे में निगम 120 माइक्रोन के केरी बेग समेत प्लास्टिक के 19 सामानों को कैसे बंद करेगा। निगम के अफसर समझाइश और चालान को ही अपनी रणनीति बता रहे हैं।
नजर नहीं आया बैठक का असर
निगमायुक्त केवीएस चौधरी ने कुछ समय पहले ही शहर के पॉलीथिन व सिंगल यूज प्लास्टिक की वस्तुओं के विक्रेताओं तथा कम्पोस्टेबल केरिबेग निर्माताओं की बैठक लेकर प्लास्टिक अपशिष्ट प्रबंधन अधिनियमों की जानकारी दी। शहर में सिंगल यूज प्लास्टिक का उपयोग पूरी तरह से रोकने व कम्पोस्टेबल केरिबेग आदि को प्रोत्साहित करने में सहयोग करने का आह्वान किया। हालांकि इसके बावजूद शहर में पॉलीथिन में सामान की खरीद बिक्री बेहद सामान्य है। किसी तरह का डर या सजगता नहीं है।
पोस्टेबल कैरीबेग है विकल्प
पॉलीथिन केरीबेग का विकल्प कम्पोस्टेबल केरिबेग को बताया जा रहा है। इसके निर्माताओं का कहना है कि साबूदाने व मक्का के स्टार्च से बना ये केरीबेग 06 माह की अवधि में खुद ही खत्म हो जाता है। पर्यावरण या पशुओं के लिए हानिकारक नहीं है। इसी तरह शहर में ईकोथिन भी लांच किया गया है, लेकिन ये अपेक्षाकृत महंगे होने से अभी दुकानदारों की पसंद नहीं बन पा रहे।
केवीएस चौधरी, निगमायुक्त का कहना है कि प्रतिबंध लगाने के लिए हम तैयार है। पहले समझाइश देंगे फिर जुर्माना करेंगे। एएचओ के माध्यम से कार्रवाई कराएंगे। हर जोन में एएचओ और उनकी टीम है जो ये काम करेगी।