एमपी के वित्त विभाग ने 741 वन क्षेत्रपालों यानि रेंजरों से 20 करोड़ रुपए की रिकवरी निकाली है। प्रशिक्षण अवधि में दी गई दो वेतनवृद्धि को विभाग ने गलत ठहराते हुए रेंजरों से 45 हजार रुपए से लेकर 5 लाख रुपए तक की रिकवरी का नोटिस दिया गया है। रेंजर इसका विरोध कर रहे हैं।
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इस बीच वन क्षेत्रपालों यानि रेंजरों से रिकवरी के मामले में बड़ा अपडेट सामने आया है। हकीकत यह है कि वित्त विभाग ने ही रेंजरों को दो वेतनवृद्धि देने का आदेश दिया था। सन 1973 में जारी किए गए इस आदेश का वित्त विभाग का आधिकारिक पत्र भी सामने आया है। रेंजरों को दिए गए इस इंक्रीमेंट को वित्त विभाग के ही अधिकारी अब गलत ठहराकर रिकवरी का नोटिस दे रहे हैं।
वित्त विभाग के 1973 के आदेश में वेतन आयोग की अनुशंसा पर रेंजरों को प्रशिक्षण पूर्ण करने पर दो वेतनवृद्धि देने के निर्देश दिए गए हैं। विडंबना तो यह है कि रेंजर वित्त विभाग का आदेश संबंधी पत्र वन अधिकारियों को भी दिखा चुके हैं पर इसके बावजूद रिकवरी का निर्देश यथावत बना हुआ है।
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वित्त विभाग के आदेश के बाद ही तत्कालीन मुख्य वनसंरक्षक कार्यालय ने 18 सितंबर 1973 को रेंजरों को यह लाभ देने के निर्देश दिए थे। बता दें कि वित्त विभाग के निर्देश पर वन अधिकारियों से 1 जनवरी 2006 से 8 सितंबर 2014 तक दो वेतनवृद्धि का लाभ लेने वाले वन क्षेत्रपालों की संख्या और उनसे वसूली जाने वाली राशि की जानकारी मांगी गई है।