इंजीनियरिंग कॉलेजों में प्रवेश में किसी तरह का फर्जीवाड़ा न हो और दलालों पर भी आंकुश लगाया जा सके। इसके कॉलेज लेवल काउंसलिंग (सीएलसी) में प्रवेश के लिए विद्यार्थियों को कालेज में उपस्थित होकर 3डी में अपने फोटो क्लिक कराकर विभाग की वेबसाइट पर अपलोड करना होगा, तभी उनके प्रवेश मान्य होंगे।
संचालकों ने की सीएसई ब्रांच की सीट बढाऩे की मांग प्रदेश में करीब 150 इंजीनियरिंग कालेज संचालित हो रहे हैं। हर कालेज के पास सीएसई ब्रांच हैं। कई कालेज अपनी अन्य ब्रांचों को सरेंडर कर सीएसई ब्रांच की मांग कर रहे हैं, जिसके प्रस्ताव तैयार कर कालेजों ने विभाग के पास भेज दिए हैं। उनकी स्क्रूटनी भी की जा रही है। एनओसी मिलने के बाद कालेज भी ब्रांच परिवर्तन करने के लिए एआईसीटीई में प्रस्ताव और फीस जमा कर ब्रांच परिवर्तन कराएंगे।
तय नहीं हो सकी फीस हालांकि तकनीकी शिक्षा विभाग ने अभी काउंसलिंग का शेड्यूल जारी नहीं किया है। वहं कॉलेजों की फीस भी अब तक तय नहीं हो सकी है। कई कॉलेज के मान्यता एवं रिमान्यता के मामले भी अटके हैं। एआईसीटई ने अब तक कॉलेजों की सूची जारी नहीं की है।