इससे सरकारी दरों पर बिजली का कनेक्शन लेकर उपयोग करना आसान हो जाएगा। सीएम डॉ. मोहन यादव के निर्देश पर इसके लिए गुरुवार दो अलग-अलग योजना लागू कर दी है।
किश्तों में बिल भुगतान
इस योजना का लाभ घरेलू के साथ ही उद्योगपतियों को भी मिलेगा। प्रदेश में हजारों उद्योगपति ऐसे हैं, जो आर्थिक मंदी और उद्योग-धंधे ठीक से नहीं चलने के कारण समय पर बिजली बिल नहीं दे रहे हैं। इन पर बिजली बिल के करोड़ों बकाया हैं। सरकार अब उनका सरचार्ज माफ कर किश्तों में बिल भुगतान करने का मौका देगी। ये भी पढ़ें: 68 साल बाद होगा बदलाव, एमपी के 5 बड़े जिलों में बनेंगे 150 नए ब्लॉक उद्योग मित्र योजना: 20% एकमुश्त भुगतान
कुल बकाया राशि में से 20 फीसद का भुगतान एकमुश्त करना होगा। बाकी की राशि 3 से 5 किश्तों में अधिकतम 3 वर्ष की अवधि में जमा करने की छूट मिलेगी लेकिन इसके लिए बैंक गारंटी देनी होगी। सरचार्ज की राशि पूरी तरह माफ होगी। जिन उद्योगपतियों ने न्यायालय में केस दाखिल किए हैं, उन्हें उक्त योजना का लाभ लेने के लिए केस वापस लेने होंगे।
10 हजार से अधिक अवैध कॉलोनियां
प्रदेश में 10 हजार से अधिक अवैध कॉलोनियां हैं। इनमें से 7981 अवैध कॉलोनियां चिह्नित हैं। इनमें मापदंडों के तहत बिजली व्यवस्था के लिए अधोसंरचनात्मक विकास नहीं किया है इसलिए बिजली कंपनियां रहवासियों को कनेक्शन नहीं दे रही है। बिल्डरों ने अपने नाम पर कनेक्शन ले रखे हैं, जहां से इन रहवासियों को महंगे दामों पर बिजली मिलती है। इसमें अधोसंरचनात्मक निर्माण की कुल लागत में 75 फीसद की राहत दी जाएगी। केवल लागत की 25 फीसद राशि ही जमा करनी होगी। यह लाभ अवैध घोषित व अघोषित कॉलोनियों को मिलेगा। जिसमें व्यक्तिगत व समूह में कनेक्शन दिए जाएंगे। बिल्डर, कालोनाइजर और सोयाइटियों को लाभ नहीं मिलेगा। निकायों व कॉलोनी के वेल्फेयर एसोसिएशन को बिजली कंपनियों में आवेदन करना होगा। दो वर्ष की अवधि तक ही लाभ मिलेगा।