इस संबंध में ग्वालियर शहर कांग्रेस के सदर डॉ. देवेंद्र शर्मा ने सिंधिया jyotiraditya scindia महाराज के साथ जाने से इंकार करते हुए पार्टी में ही बने रहने की बात कही है। जबकि इसके ठीक उलट ग्वालियर के देहात जिला कांग्रेस के सदर मोहन सिंह राठौड़ ने न केवल अपने पद से बल्कि पार्टी की प्राथमिक सदस्यता से भी resignation इस्तीफा दे दिया है।
इससे पहले 1996 में स्व. माधवराव सिंधिया द्वारा बनाई गई पार्टी मप्र विकास कांग्रेस के साथ भी कुछ को छोड़कर ग्वालियर की लगभग पूरी कांग्रेस उनके साथ खड़ी हो गई थी। उस वक्त ग्वालियर में कांग्रेस को स्व. राजेंद्र सिंह, बृजमोहन परिहार, केके समाधिया, वासुदेव शर्मा, स्व. रामशरण शर्मा, अमरसिंह माहौर,दुश्यंत सहानी, गोपीलाल भारतीय जैसे नेताओं ने जीवित रखा था।
वहीं सिंधिया से राजनीतिक अदावत के चलते स्व. राजेंद्र सिंह के पुत्र अशोक सिंह ग्वालियर में बची कुची कांग्रेस के सशक्त नेता के रूप में समाने आ सकते हैं। वहीं ये भी माना जा रहा है कि अब आगे डॉ. देवेंद्र शर्मा ग्वालियर में कांग्रेस का नेतृत्व करते रहेंगे। वहीं दिग्विजय सिंह के खेमे से जुड़े बृजमोहन, वासुदेव, दुश्यंत, अमरसिंह, गोपीलाल, प्रेमनारायण जैसे नेता कांग्रेस पार्टी की मैन स्ट्रीम में वापस आ सकते हैं।
वहीं जानकारों की मानें तो सिंधिया के भाजपा में जाने के बाद जिस पैमाने पर पार्टी में बगावत हुई है, उसे देखते हुए ग्वालियर में पार्टी के सामने मुश्किल हालात बन सकते हैं।
वर्तमान में ग्वालियर शहर की 3 विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है, इनसे प्रद्युम्न सिंह तोमर, मुन्ना लाल गोयल व प्रवीण पाठक विधायक है। इनमें प्रद्युम्न सिंह तोमर व मुन्ना लाल गोयल को सिंधिया का खास माना जाता है। जबकि प्रवीण पाठक सुरेश पचौरी गुट के माने जाते हैं।
सामने आ रही सूचना के अनुसार आज शुक्रवार को सिंधिया समर्थक 6 मंत्रियों के जिनमें गोविन्द राजपूत, इमरती देवी, महेंद्र सिंह सिसोदिया, प्रद्युम सिंह तोमर, प्रभुराम चौधरी व तुलसी सिलावट शामिल हैं, को राजभवन में सीएम की सिफारिश पर मंत्री पद से हटा दिया है।
उपचुनाव को लेकर जिन क्षेत्रों के लिए संशय बना हुआ है वे हैं : ग्वालियर विधानसभा सीट, ग्वालियर पूर्व विधानसभा सीट,डबरा विधानसभा सीट, मुरैना विधानसभा सीट, जौरा विधानसभा सीट, पोहरी विधानसभा सीट, गोहद विधानसभा सीट, मेंहगांव विधानसभा सीट, सुमावली विधानसभा सीट,दिमनी विधानसभा सीट व करैरा विधानसभा सीट, इन सीटों के विधायक कांग्रेस की सदस्यता व विधानसभा से अपना इस्तीफा दे चुके हैं। जिनमें से कुछ के आज इस्तीफे मंजूर कर लिए गए हैं। वहीं जौरा सीट पर विधायक बनवारीलाल शर्मा के निधन के बाद उपचुनाव की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है।