वहीं ये भी बताया जा रहा है इस बार मानसून की विदाई सितंबर में ही होने क्री संभावना है। ऐसे में पोस्ट मानसून सीजन यानि बारिश के बाद के संक्रमण काल के दौरान ही रात के तापमान में गिरावट शुरू हों सकती है। भोपाल में अक्टूबर, नवंबर और दिसंबर की पोस्ट मानसून सीजन में माना जाता है।
– 2021 में साल 15 अक्टूबर से 15 फरवरी तक 120 दिनों में 93 दिन और 81 रात में ठंड पड़ी थी। इनमें से 45 दिन कड़ाके की ठंडक रही थी।
– इन 45 दिनों में पारा 10 डिग्री के आसपास या उससे नीचे रहा था। रिकॉर्ड तोड़ ठंड के दौरान 16 कोल्ड डे रहे और 10 बार शीतलहर भी चली थी।
– 31 अक्टूबर को ही शीतलहर जैसे हालात बन गए थे। 20 दिसंबर को पारा 3.4डिग्री पर पहुंच गया था।
ऐसे समझें क्या होता है वेस्टर्न डिस्टरबेंस –
अलग-अलग मौसमी सिस्टम कैस्पियन सागर, ब्लैक सी से ईरान, अफगानिस्तान , पाकिस्तान . होते हुए हमारे देश के उत्तरी हिस्से में ट्रफ लाइन, ऊपरी हवा के चक्रवात, कम दवाब का क्षेत्र के रूप में पहुंचते हैं। ये पश्चिम से पूर्व की ओर जाते हैं। इसके कारण पहाड़ों पर बारिश और बर्फबारी होती है। फिर वहां से आने बाली बर्फीली और ठंडी हवा हमारे यहां के मौसम को भी सर्द कर देती है।
ऐसे समझे मानसून की विदाई का इशारा
मौसम के जानकार एके शर्मा के अनुसार आसमान में सात रंग का बिखराव होता है। इन सात रंगाें में से लाल रंग की बेबलेंथ सबसे ज्यादा होती है। इस कारण यह रंग ज्यादा फैलता है, इसीलिए सूर्यास्त के समय – आसमान में लालिमा छा जाती है। ऐसा अक्सर पाेस्ट मानसून सीजन में हाेता है, बारिश के दिनों में ऐसा नहीं हाेता।