ये डॉक्टर दे चुकीं हैं इस्तीफा
असस्टिेंट प्रोफेसर: डॉ. सुश्रुता श्रीवास्तव, डॉ. जया पटेल, डॉ. प्रीति वर्मा, डॉ. शिवानी बादल
एसोसिएट प्रोफेसर: डॉ. वैशाली लिथार
प्रोफेसर: डॉ. वरूणा पाठक, डॉ. जूही अग्रवाल (डेजिग्नेटेड प्रोफेसर)
बॉंण्ड पूरा हो गया तो चले गए डॉक्टर— अस्पताल के गायनेकोलोजी विभागाध्यक्ष डॉ. अरुणा कुमार के अनुसार डॉक्टर का सरकार के साथ तीन साल का बॉंण्ड होता है। बॉंण्ड पूरा हो गया तो वे चले गए। हर साल ऐसा होता है। अब नए आ जाएंगे। इससे अस्पताल की सेवाओं पर असर नहीं होता।
सरकार से बोलेंगे तो नए डॉक्टर मिलेंगे— इधर गांधी मेडिकल कॉलेज के डीन डॉ अरविंद राय बताते हैं कि सभी लोग अपने व्यक्तिगत कारणों से गए हैं। अब हम सरकार से बोलेंगे तो नए डॉक्टर मिलेंगे।