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भोपाल

Dhar Bhojshala : रडार मशीन से सामने आ रही भोजशाला की सच्चाई, मिले सूर्य की आकृति के शिलालेख

Dhar Bhojshala – Sun shaped inscriptions found in Dhar Bhojshala हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता ने दावा किया कि रडार मशीन के इस्तेमाल से भोजशाला की हकीकत सामने आ रही है। यहां सूर्य की आकृति के शिलालेख मिलने का भी दावा किया है।

भोपालMay 26, 2024 / 03:47 pm

deepak deewan

Dhar Bhojshala - Sun shaped inscriptions found in Dhar Bhojshala

Dhar Bhojshala – Sun shaped inscriptions found in Dhar Bhojshala

Dhar Bhojshala – Sun shaped inscriptions found in Dhar Bhojshala मध्यप्रदेश के धार में विवादित भोजशाला कमल मौला मस्जिद परिसर में भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) का वैज्ञानिक सर्वे रविवार को सुबह 6.30 बजे ही शुरु हो गया। अदालत के आदेश पर हो रहे इस सर्वे का आज 66वां दिन है। हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ता ने दावा किया कि रडार मशीन के इस्तेमाल से भोजशाला की हकीकत सामने आ रही है। यहां सूर्य की आकृति के शिलालेख मिलने का भी दावा किया है।
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सर्वेक्षण में शनिवार को ग्राउंड-पेनेट्रेटिंग रडार (जीपीआर) और जीपीएस मशीनों का पहली बार इस्तेमाल किया गया। रविवार को भी टीम ने सर्वे में जीपीआर तकनीक का उपयोग जारी रखा। हिंदू पक्ष के याचिकाकर्ताओं ने दावा किया कि इससे सच्चाई सामने आ रही है।
महाराजा भोज सेवा समिति के सचिव गोपाल शर्मा ने संरचना पर हिंदू प्रतीक और संकेत मिलने का दावा किया। उन्होंने बताया कि जीपीआर और जीपीएस मशीनें शुक्रवार को धार पहुंचीं थी और शनिवार से एएसआई ने इन मशीनों का इस्तेमाल शुरू कर दिया। जीपीआर मशीन से सात अधिकारियों ने भोजशाला के गर्भगृह में सर्वे किया।
गोपाल शर्मा ने दावा किया कि संरचना पर हिंदू प्रतीक और संकेत पाए गए। यहां सूर्य की आकृति के शिलालेख भी मिले हैं। शिलालेख में सूर्य की आठ आकृतियां हैं। इसमें सूर्य के अलग अलग रूप प्रदर्शित किए गए हैं।
बता दें कि हाईकोर्ट ने वैज्ञानिक सर्वेक्षण के दौरान मशीनों के उपयोग के निर्देश दिए थे। मध्यप्रदेश हाईकोर्ट ने 11 मार्च को एएसआई को भोजशाला का वैज्ञानिक सर्वेक्षण करने का निर्देश दिया था। हिंदू पक्ष का कहना है कि यह देवी वाग्देवी यानि सरस्वतीजी का मंदिर है जबकि मुस्लिम पक्ष इसे कमल मौला मस्जिद बताते हैं। 7 अप्रैल, 2003 को की गई व्यवस्था के तहत मुस्लिम हर शुक्रवार को भोजशाला परिसर में नमाज अदा करते हैं। वहीं हिंदू हर मंगलवार को यहां विधिवत पूजा-पाठ करते हैं।

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