तत्कालीन शिवराज सरकार ने बुलाई थी पंचायत
तत्कालीन शिवराज सरकार द्वारा चुनाव से पहले संविदा कर्मचारियों की नाराजगी दूर करने के लिए पंचायत बुलाई गई थी। इस पंचायत में संविदा कर्मचारियों को लेकर कई बड़े ऐलान किए गए थे। इस संविदा कर्मचारी ने अधिकारियों की मंहगाई दर से सीपीआई इंडेक्स से जोड़ने के लेकर कहा था। सरकार ने इसे 22 जुलाई 2023 से लागू भी कर दिया था। उस समय पर संविदा कर्मचारियों को 6 वें वेतनमान के हिसाब से वेतन दिया जा रहा।
सरकार ज्ञापन सौंपेंगे संविदा कर्मचारी
संविदा कर्मचारियों को सीपीआई इंडेक्स के स्थान पर सातवें वेतनमान के हिसाब से महंगाई भत्ता दिए जाने को लेकर मुख्यमंत्री को दो बार ज्ञापन सौंपा गया है। अब संविदा कर्मचारी संघ द्वारा फिर से कर्मचारियों को जल्द ज्ञापन सौंपा जाएगा।
ऐसे हो रहा नुकसान
संविदा कर्मचारियों को महंगाई भत्ता सीपीआई इंडेक्स के हिसाब से दिए जाने से नियमित कर्मचारियों को कम लाभ हो रहा है। अभी नियमित कर्मचारियों को 50 फीसदी डीए दिया जा रहा है। वहीं संविदा कर्मचारियों का महंगाई भत्ता सीपीआई इंडेक्स की वजह बढ़ना था। जो कि नहीं बढ़ सका है। एक साल मिल रही सैलरी के समान ही अभी भी सैलरी मिल रही है।