दरअसल, नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा था कि ऊपर से आदेश मिला तो हम सरकार गिरा देंगे। उस पर कमलनाथ ने चुनौती देते हुए कहा था कि आप बार-बार कहते हैं कि सरकार अल्पमत में है। तो आप फ्लोर टेस्ट से क्यों भागते हैं। आज ही सदन में आप फ्लोर टेस्ट करा लीजिए। उसके बाद सदन में दंड विधि संसोधन विधेयक पर वोटिंग हुई। वोटिंग में 122 वोट कमलनाथ सरकार के पक्ष में पड़े। कहा जा रहा है कि बीजेपी के दो विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है।
ऐसे में बीजेपी को उन दावों की हवा निकल गई है कि सरकार अल्पमत में है। कमलनाथ की सरकार गिराने की बजाए बीजेपी को मौजूदा स्थिति में मध्यप्रदेश में खुद के विधायकों को एकजुट रखने की जरूरत है। क्योंकि पार्टी के दो विधायकों की क्रॉस वोटिंग बीजेपी के लिए चिंता का विषय है। वहीं, वोटिंग के बाद विधानसभा की कार्यवाही अनिश्चित काल के लिए स्थगित हो गई है।
गौरतलब है कि मध्यप्रदेश विधानसभा में बुधवार को दंड विधि संशोधन विधेयक पर चर्चा के दौरान बसपा के विधायक संजीव सिंह ने वोट विभाजन की मांग रखी। इस दौरान पक्ष और विपक्ष में जमकर बहस हुई। इस पर मत विभाजन रखा गया। इसमें कमलनाथ सरकार पास हो गई और उसे 122 वोट मिले। इसके अलावा भाजपा को 109 वोटों से एक वोट कम ही मिल पाया।
गोपाल भार्गव ने क्या कहा था
दरअसल, मध्यप्रदेश विधानसभा की कार्यावही के दौरान नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव ने कहा कि हमारे ऊपर वाले नंबर एक या नंबर दो का आदेश हुआ तो चौबीस घंटे भी इनकी सरकार नहीं चली। इस बयान के बाद सदन में खलबली मच गई। गोपाल भार्गव के बयान के बाद ही सदन में बीजेपी पर सीएम कमलनाथ बरसे। उन्होंने कहा कि स्वार्थों के आधार पर बनी सरकार ज्यादा दिन तक नहीं चलेगी। अब सरकार को गिरने में ज्यादा वक्त नहीं लगेगा। अगर सरकार गिरेगी तो मजबूरी हमें तैयारी करनी पड़ेगी।
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अभी-अभीः भाजपा को बड़ा झटका, कमलनाथ सरकार फ्लोअर टेस्ट में पास वहीं, सीएम कमलनाथ ने कहा कि बीजेपी के विधायक शरद कोल और नारायण त्रिपाठी हमारे साथ हैं। इन्हीं दोनों विधायकों ने क्रॉस वोटिंग की है। सीएम ने कहा कि दूध का दूध और पानी का पानी हो गया है। साथ ही बीजेपी का झूठ उजागर हो गया। सीएम ने कहा कि हमारी सरकार अल्पमत की सरकार नहीं है।