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उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर बाढ़ में बह गया था पुल, अब जिम्मेदारों पर गिरी गाज

ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के जीएम जे.पी मेहरा और असिस्टेंट मैनेजर एस.के अग्रवाल को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया है।

भोपालSep 02, 2020 / 03:58 pm

Faiz

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उद्घाटन से पहले ही भ्रष्टाचार की भेंट चढ़कर बाढ़ में बह गया था पुल, अब जिम्मेदारों पर गिरी गाज

भोपाल/ मध्य प्रदेश के सिवनी में बने पुल के उद्धाटन से पहले ही बाढ़ में बह जाने वाले भ्रष्टाचार के मामले में अब कार्रवाई हो गई है। घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान के मामले में जांच के आदेश दिये थे। इसके बाद ग्रामीण सड़क विकास प्राधिकरण के जीएम जे.पी मेहरा और असिस्टेंट मैनेजर एस.के अग्रवाल को भ्रष्टाचार का दोषी मानते हुए सस्पेंड कर दिया गया है। सिवनी में प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना के तहत बेनगंगा नदी पर 4 करोड़ की लागत से पुल बनाया गया था। इस पुल का काम जून 2020 में पूरा हुआ था, लेकिन कोरोना काल के चलते उद्घाटन नहीं हो सका था। इसी बीच 30 अगस्त को आई बाढ़ में पुल पानी में बह गया था।

 

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सीएम ने दिये थे सख्त कार्रवाई के आदेश

मामले को गंभीरता से लेते हुए सीएम शिवराज ने सीएम हाउस में आयोजित एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया बातचीत के दौरान कहा था कि, मामले में जांच के आदेश जारी कर दिये गए हैं, दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी। जांच के आदेश देने के अगले ही दिन दो अधिकारियों को सस्पेंड कर दिया गया। प्राधिकरण अब बिल्डर के लेवल पर हुई अनियमितता को लेकर भी जांच में जुटा है। अगर मामले में बिल्डर भी दोषी सिद्ध हुआ तो, उसे भी ब्लैकलिस्टेड किया जाएगा।

 

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दो और पुल बहे

यही नहीं, 29-30 अगस्त को आई बाढ़ के दौरान पीडब्ल्यूडी द्वारा बने साल 2012 और 2016 में करीब 10 करोड़ की लागत से बने दो पुल भी बह गए थे। सिवनी जिले के केवलारी पलारी भीमगढ़ मार्ग पर बेनगंगा पर 2012 में करीब साढे़ 5 करोड़ रुपए से बने पुल का एक हिस्सा बह गया था। हालांकि, इस पुल की परफॉर्मेंस गारंटी 27 नवंबर 2015 को खत्म हो गई थी। इसी तरह छिंदवाड़ा के साख से हलाल खुर्द मार्ग में पेंच नदी पर 2016 में 25 मीटर ऊंचे और 200 मीटर लंबा पुल भी बह गया। इस पल को जबलपुर के एक ठेकेदार ने बनाया था, लेकिन चार स्लैब का काम पूरा होने के दौरान ठेकेदार का निधन हो गया। लिहाजा इसे बाद में रायपुर की एक कंस्ट्रक्शन कंपनी ने पूरा किया। इस पुल की परफॉर्मेंस गारंटी 1 जनवरी 2019 को खत्म हो चुकी थी।

 

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क्या इन पर भी होगी कार्रवाई?

29 और 30 अगस्त को हुई भारी बारिश के चलते प्रदेश का अधिकतर इलाका बाढ़ की चपेट में आ गया था। इस दौरान सिर्फ पुलों के गिरने की ही घटनाएं सामने नहीं आईं थी, बल्कि कई जगहों पर सड़कें उखड़ गईं थी और पुलियें भी टूट गईं थीं। इस नुकसान का आधार भी गुणवत्ता की कमी को माना जा रहा है। इस संबंध में जब मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान से सवाल किया गया था तो उनका कहना था कि अगर सड़कों की गुणवत्ता खराब पाई जाती है तो फिर उस मामले में भी दोषियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। हालांकि, अब तक इसे लेकर कोई कार्रवाई नहीं हुई है।

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