कांग्रेस विधायक लक्ष्मण सिंह ने शुक्रवार को ट्वीट करके कहा है कि “शराब बंदी” करने से राजस्व की हानि होगी, कर्ज़ और लेना पड़ेगा। अन्य देशों में यह एक उद्योग के रूप में देखा जाता है, जो” रोजगार” और “राजस्व” दोनों देता है।” आत्म निर्भर” बनने के लिए, दोनों की आवश्यकता है।
चांचोड़ा से कांग्रेस के विधायक लक्ष्मण सिंह के इस बयान के कई मायने निकाले जा रहे हैं। कोई इसे भाजपा की नीतियों का समर्थन बता रहा है तो कोई आत्मनिर्भर मध्यप्रदेश पर तंज।
लक्ष्मण सिंह पूर्व मुख्यमंत्री दिग्विजय सिंह के छोटे भाई हैं और वे कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए थे। इसके बाद वे दोबारा से कांग्रेस में चले गए। यह पहला मौका नहीं है, जब कांग्रेस विधायक ने पार्टी लाइन से हटकर कोई बयान दिया है। वे पहले भी कई मामलों में बीजेपी का खुलकर समर्थन कर चुके हैं। लक्ष्मण सिंह के बयानों के बाद अक्सर ही कांग्रेस की मुश्किलें बढ़ जाती है। एक बार तो वे कमलनाथ सरकार के दौरान अपने ही बड़े भाई राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह के घर के बाहर धरने पर बैठ गए थे। वे अपने विधानसभा क्षेत्र चांचोड़ा को कई बार जिला बनाने की मांग छेड़ चुके हैं और चांचोड़ा को जिला बनाने की भी घोषणा हो चुकी है। जल्द ही यह जिला अस्तित्व में होगा।
उमा भारती भी हुई मुखर
कांग्रेस नेता के अलावा पूर्व मुख्यमंत्री उमा भारती भी मध्यप्रदेश में नई शराब दुकानें खोलने की बजाय शराबबंदी के पक्ष में हैं। उन्होंने शुक्रवार सुबह प्रेस कांफ्रेंस कर प्रदेश में शराबबंदी करने और शराबबंदी के बावजूद राजस्व वसूली के लिए भी अपने विचार व्यक्त किए। गौरतलब है कि उमा भारती ने गुरुवार को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को भी पत्र लिखकर शराबबंदी का बड़ा मुद्दा छेड़ दिया है।
प्रदेश में ऑनलाइन शराब मिलेगी
दो दिन पहले ही प्रदेश के वाणिज्यकर मंत्री जगदीश देवड़ा की ओर से आनलाइन शराब बिक्री के लिए प्रस्ताव बनाकर मुख्यमंत्री सचिवालय भेजा गया था। बताया गया है कि इस मामले में अंतिम निर्णय मुख्यमंत्री को लेना है, इसके बाद यह प्रस्ताव कैबिनेट में लाया जाएगा। जगदीश देवड़ा ने आनलाइन शराब बिक्री के पीछे तर्क दिया है कि इससे अवैध शराब और जहरीली शराब बिक्री पर लगाम लगेगी।