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भोपाल

भगवान शिव के ये मंत्र धन,वैभव के साथ ही आपको देते हैं मनचाहा जीवन साथी!

मंत्रों में कई दिव्य शक्तियां हैं, श्रद्धा भाव से इस मंत्र के जाप से मनोवांछित फल की प्राप्ति की जा सकती है। मंत्र की सिद्धी और साधना के लिए दृढ़ संकल्प का होना बेहद जरूरी है।

भोपालJul 12, 2017 / 01:07 pm

दीपेश तिवारी

blessings of lord shiv

sawan puja of lord shiv


भोपाल। भगवान शिव यानि भोलेनाथ को प्रसन्न करने के कई सरल उपाय हैं, महादेव के जल्द प्रसन्न हो जाने के कारण ही उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। शिवजी के कई मंत्र भी हैं, लेकिन हर मंत्र का अपना एक अलग सार है, साथ ही यह एक विशिष्ट फल भी देता है।

 पंडित सुनील शर्मा के अनुसार इसलिए शिव के मंत्रों को मनोकामना के अनुसार ही जाप करना और अधिक प्रभावी होता है। इसके अलावा भगवान शिव के विभिन्न मंत्रों में कई दिव्य शक्तियां हैं, श्रद्धा भाव से इस मंत्र के जाप से मनोवांछित फल की प्राप्ति की जा सकती है। 

मंत्र की सिद्धी और साधना के लिए दृढ़ संकल्प का होना बेहद जरूरी है। इसके बगैर मनोकामना पूरी नहीं हो सकती है। इसके अलावा एक ही मंत्र को अलग—अलग तरीके से इस्तेमाल करके भी अलग—अलग फल प्राप्त होते हैं।



इन मंत्रों का प्रयोग महाशिवरात्रि, सूर्य ग्रहण,चन्द्र ग्रहण, दीपोत्सव, अक्षय तृतीया, संक्रांति, होलाष्टक, रवि पुष्य नक्षत्र, गुरु पुष्य नक्षत्र, अमृत सिद्धी योग, अमावस्या और नवरात्र आदि त्योहारों के मौके पर करना शुभ माना गया है। इन मंत्रों से शीघ्र लाभ तो मिलता ही है साथ ही तुरंत मनोकामना भी पूरी हो जाती है।

1. आयु बढ़ाने के लिए :
 ‘ऊँ नम: शिवाय’ मंत्र का जाप रोज करना चाहिए। खासकर शिवलिंग का पूजन करते समय। मान्यता है कि इस मंत्र के साथ शिवलिंग पर दुर्वा और जल चढ़ाने से आयु में वृद्धि होती है।

2. ऐसे लक्ष्मी जी भी होती हैं प्रसन्न:
हर दिन कमल के फूलों को ‘ऊँ महादेवाय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए शिव लिंग पर अर्पित करने से शिव तो प्रसन्न होते ही हैं, साथ ही मां लक्ष्मी भी प्रसन्न होती है। जिससे घर में वैभव में बढ़ोत्तरी होती है।

3. पूरी होती है पुत्र मनोकामना:
नियमित काले धतूरे के फूल, जिसमें धतुरे के पौधे का डंठल लाल होती है। उसे शिवलिंग पर अर्पित करना चाहिए। साथ में ‘ऊं नम: शिवाय’ मंत्र का जप करना चाहिए। मंत्र बोलते हुए शिवलिंग पर चढ़ाकर शिव सहस्त्र नाम स्तोत्र का पाठ अथवा शिव चालिसा के 11 पाठ भी रोज करने से संतान प्राप्ति होती है।

4. मान-सम्मान ऐश्वर्य के लिए:
रोज अगस्त्य के फूलों को ‘ऊँ नमो भगवते रुद्राय’ मंत्र का जाप करते हुए चढ़ाने से मान-सम्मान-यश और ऐश्वर्य की प्राप्ति होती है।


5. वाहन और मकान का सुख:
‘ऊँ महा देवाय नम:’ मंत्र का जाप करते हुए रोज चमेली के फूलों को शिवलिंग पर चढ़ाएं। इससे मकान और वाहन सुख प्राप्त होता है।



6. मन पसन्द प्रेमिका व पत्नी :
रोज ‘ऊँ भगवत्यै उमा देव्यै शंकर प्रियायै नम:’ मंत्र का उच्चारण करते हुए बेला के पुष्पों को शिव-पार्वती को अर्पित कर प्रार्थना करें। इससे मनपसन्द प्रेमिका व पत्नी मिल जाती है।


7. दूर होते हैं रोग:
नियमित रूप से कनेर के फूलों को ‘ऊँ ह्रौं जूँ सः मम पालय पालय स: जूँ ह्रौं ऊँ’ मंत्र का उच्चारण करना चाहिए। इससे कई प्रकार के रोग शरीर से दूर ही रहते हैं।


8. दूर भाग जाते हैं भय, क्लेश और गरीबी:
रोज तिल के फूलों को शिवलिंग पर चढ़ाएं और ‘ऊँ शंकराय नम:’ मंत्र का जाप करने से भय, गरीबी, क्लेश, बंधन आदि से छुटकारा मिल जाता है।


ये दाने आपको बदल देंगे आपकी किस्मत:
क्या आप जानते हैं कि चावल भी आपकी किस्मत बदल सकते हैं और तो और ये आपको अरबपति भी बना सकता है। यदि नहीं तो यहां हम आपको बता रहे हैं इसका कारण और तरीका…

पंडित सुनील शर्मा के अनुसार हिन्दू धर्म में ऐसी कोई पूजा नहीं है, जिसमें चावल यानी अक्षत का उपयोग न होता हो। हिन्दू धर्म में हर पूजा में अक्षत जरूरी माना गया है। हर शुभ कार्य में और हर पूजा-विधान में चावल का इस्‍तेमाल किया जाता है। 



पूजा के कलश पर, पूजा चौकी पर, माथे पर तिलक के साथ भी चावल लगाया जाता है। मतलब चावल का उपयोग धर्म में शुभ और जरूरी माना गया है, इसके साथ ही इसका संबंध ज्योतिष से भी है।


प्रसन्न होते हैं देवी-देवता
संस्कृत में चावल को अक्षत भी कहा जाता है। अक्षत का मतलब अखंडित है। मतलब जो टूटा न हो। खंडित न हो। 
शास्त्रों में बताया गया है कि शुभ कार्य में किसी भी खंडित वस्तुओं का उपयोग नहीं किया जाता है। जबकि भगवान को अक्षत समर्पित करके ही समर्पित किया जाता है। शास्‍त्रों में बताया गया है कि अक्षत के मात्र चार दाने चढ़ाने से भगवान प्रसन्न होते हैं। चावल चढ़ाने वाले भक्त पर देवी-देवताओं की कृपा शीघ्र बरसती है।


शिवलिंग पर चढ़ाएं अक्षत
यदि हर सोमवार को आप शिवलिंग की विधिवत पूजा करते हैं,तो पूजा में बैठने से पहले एक किलो चावल शिवलिंग के पास रख लें। जब पूजा संपन्न हो जाए तब एक मुठ्ठी चावल लेकर दोनों हाथों से शिवलिंग पर चढ़ा दें। इसके बाद बचे हुए चावल को जरूरतमंदों में बांट दें। यदि यही उपाय हर सोमवार को लगातार कुछ माह तक करते हैं तो आपको इसके सकारात्मक परिणाम नजर आएंगे।

यह भी हैं चावल के फायदे
पंडित शर्मा के मुताबिक किसी भी पूर्णिमा या शुभ मुहुर्त में स्नान करके लाल रंग का रेशमी कपड़ा लें। चावल के 21 दाने, जो बगैर टूटे हुए हों, उन्हें हल्दी में रंग लें। चावल के इन 21 दानों को कपड़े में बांधकर मां लक्ष्‍मी के सामने रखकर श्रद्धा-भक्ति के साथ पूजा कर लें। पूजा के बाद इसे अपनी तिजोरी में रख दें। ज्योतिषियों के मुताबिक इस कार्य को करने के बाद कई लोगों ने अपेक्षा से अधिक लाभ होना बताया है।


सावन में ऐेसे करें भगवान शिव की पूजा:
– सावन माह में रोज 21 बेलपत्रों पर चंदन से ‘ऊं नम: शिवाय’ लिखकर शिवलिंग पर चढ़ाएं। इस एक उपाय से आपकी सभी मनोकामनाएं पूरी होंगी।
– अगर घर में किसी भी प्रकार की परेशानी हो तो सावन में रोज सुबह घर में गोमूत्र का छिड़काव करने के साथ ही गुग्गल धूप जलाएं। इससे घर की नेगेटिविटी दूर होती है।



– अगर आपके विवाह में अड़चन आ रही है, तो उसे दूर करने के लिए सावन में रोज शिवलिंग पर केसर मिला दूध चढ़ाएं। इससे विवाह के योग जल्दी बनेंगे।
– सावन में हर दिन नंदी (बैल) को हरा चारा खिलाएं। इससे जीवन में सुख-समृद्धि आएगी और मन प्रसन्न रहेगा।
– सावन के अलावा अन्‍य दिनों में भी गरीबों को भोजन कराएं। इससे आपके घर में कभी अन्न की कमी नहीं होगी। साथ ही पितरों को भी शांति मिलती है।


धन प्राप्ति के लिए ऐसे करें शिव अर्चना:
पंडित सुनील शर्मा के अनुसार अगर आप आर्थिक तंगी से गुजर रहे हैं तो सावन के इस माह में भगवान शिव की पूजा-अर्चना कर इसे दूर कर सकते हैं। यह करने से भगवान की कृपा बनी रहेगी। साथ ही घर धन धान्य से भर जाएगा।
– सावन में किसी नदी या तालाब पर जाकर आटे की गोलियां मछलियों को खिलाएं और साथ ही साथ मन में भगवान शिव का ध्यान करते रहें। यह धन प्राप्ति का सबसे आसान उपाय है।
– आमदनी बढ़ाने के लिए सावन के महीने में किसी भी दिन घर में शिवलिंग की स्थापना करें और उसकी यथा विधि पूजन करें। इस दौरान इस मंत्र का 108 बार जाप करें।




मंत्र: ऐं ह्रीं श्रीं ऊं नम: शिवाय: श्रीं ह्रीं ऐं
इस मंत्र के साथ बेलपत्र शिवलिंग पर चढ़ाएं। बेलपत्र के तीनों दलों पर लाल चंदन से क्रमश: ऐं, ह्री, श्रीं लिखें। अंतिम 108वें बेलपत्र को शिवलिंग पर चढ़ाने के बाद निकाल लें और इसे घर के पूजन स्थान पर रखकर प्रतिदिन पूजा करें।

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