बिजली चोरी: मीटर में छेद कर, बटन से बंद कर देते हैं रीडिंग
भोपाल. राजधानी में बिजली चोर तु डाल-डाल, मैं पात-पात की तर्ज पर कंपनी को चुनौती दे रहे हैं। जब खुले तारों पर हेकड़ी डालकर सीधी चोरी पर कंपनी ने लगाम लगाने की कोशिश की तो बिजली मीटर में ही सेंध लगाकर चोरी शुरू कर दी। जिस तरह मीटर में सेंधमारी कर बिजली चोरी को अंजाम दिया जा रहा है, उससे स्पष्ट हो रहा है कि इस काम को करने शहर में एक्सपर्ट गिरोह काम कर रहा है। बिजली कंपनी की टीम जब बिजली चोरी के मामलों की धरपकड़ के लिए निकली तो ये तथ्य सामने आया।
चोरी के लिए मीटर में न्यूट्रल फेस वायर को नियंत्रित किया जाता है। स्थिति ये रही कि बिजली चोरों ने मीटर के पिछले हिस्से में बकायदा छेद करके यहां से न्यूट्रल फेस को नियंत्रित करने एक वायर निकाला और घर के अंदर स्विच बना दिया। जब चाहे तक मीटर को रीडिंग के लिए चालू किया जा सकता है और जब चाहे तक इसे रोका जा सकता है।
गौरतलब है कि बीते दस सालों में बिजली कंपनी ने बिजली चोरी रोकने के लिए केंद्र की दो बड़ी योजनाओं में करीब 400 करोड़ रुपए की राशि खर्च की। आर-एपीडीआरपी के बाद आईपीडीएस स्कीम में चोरी रोकने के उपाय किए। इसके तहत सीधे हाईवोल्टेज डिस्ट्रीब्यूशन सिस्टम के साथ ही इंसूलेटेड एबीसी लाइन बिछाई गई। कई क्षेत्रों में अंडरग्राउंड लाइन की तो कई में नए खंभे, फीडर सेपरेशन समेत अन्य इंतजाम किए। बावजूद इसके इस समय 100 से अधिक फीडर पर 35 फीसदी से अधिक लाइन लॉस यानी चोरी हो रही है। बिजली कंपनी अधिक लाइन लॉस वाले फीडर से जुड़े क्षेत्रों में ही बिजली चोरों की धरपकड़ कर उनके खिलाफ संबंधित थाना पुलिस में मामला दर्ज करवा रही है।
पकड़ाया था गिरोह – 2017 में उत्तर शहर संभाग में बिजली मीटर में गड़बड़ी करने वाला पूरा गिरोह पकड़ाया था। पुलिस के साथ बिजली कंपनी के इंजीनियर्स ने छापा मारकर इनके ठिकानें से मीटर भी जब्त किए थे। हालांकि मामला आगे नहीं बढ़ पाया।
मिलीभगत की आशंकामीटर में छेड़छाड़ करने वाले गिरोह के बिजली मीटर रीडिंग या कंपनी के इसी तरह के विभाग से जुड़े लोगों से मिलीभगत की आश्ंाका है। लगातार अधिक बिल की शिकायत करने वाले या अधिक बिजली खपत वाले उपभोक्ताओं की जानकारी गिरोह के लोगों को यहीं से मिलती है और वे मोलभाव कर मीटर में छेड़छाड़ कर देते हैं।
मीटर में न्यूट्रल को कंट्रोल करके चोरी की जा रही है। हमने ऐसे कई मामले पकड़े, उन पर बिल भी बनाया। बुधवार को ही 65 मीटर में चोरी पकड़ी गई। – रवि अग्रवाल, इंजीनियर बिजली कंपनी
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