अस्थायी परमिट विवाद का बढ़ता असर
कोर्ट ने यह कदम अस्थायी परमिट के नाम पर हो रही धांधली को रोकने के लिए उठाया। हालांकि, शादी या भ्रमण जैसे खास मौकों के लिए ही परमिट जारी किए जा रहे हैं। बस ऑपरेटर्स का कहना है कि उन्होंने जनवरी के लिए टैक्स जमा किया है, लेकिन फिर भी परमिट जारी नहीं किए गए। ऑपरेटर्स का आरोप है कि विभाग की लापरवाही से उनकी आय पर असर पड़ा है। वहीं, परिवहन विभाग का कहना है कि कोर्ट के आदेश का पालन करना उनकी प्राथमिकता है और अस्थायी परमिट सिर्फ स्पेशल केस में ही जारी किए जाएंगे। ये भी पढ़े- Republic Day 2025 : एमपी में 76वें गणतंत्र का जश्न, जानें सीएम और पीसीसी चीफ समेत कहां किसने किया ध्वजारोहण 7 साल से चल रही थी धांधली
राज्य में पिछले 7 सालों से अस्थायी परमिट के नाम पर बड़े स्तर पर गड़बड़ियां हो रही थीं। हाईकोर्ट की ग्वालियर बेंच ने इस पर गंभीर टिप्पणी करते हुए कहा था कि अस्थायी परमिट देना नियम बन चुका है और इससे पूरे सिस्टम में भ्रष्टाचार और भाई-भतीजावाद बढ़ रहा है। कोर्ट ने परिवहन विभाग के प्रमुख सचिव को निर्देश दिया कि इस मनमानी पर रोक लगाई जाए।