सीएम मोहन यादव को पसंद आई भोपाल की बेटी की तकनीक, ‘एशना’ चुटकियों में संवारेंगी झीलों की सूरत
भोपाल की एशना को मिला खत्म हो रही झील को फिर से संवारने का जिम्मा, सीएम मोहन यादव ने की एशना की फ्लोटिंग वेटलैंड्स, एरेटर व बायोफिल्टर तकनीक की तारीफ, आप भी जाने कौन हैं एशना और क्या है झीलों को संवारने की नई तकनीक
झीलों की नगरी भोपाल में खत्म होने की कगार पर पहुंची चार इमली स्थित जवाहर बाल उद्यान झील अब संवरेगी। सीवेज के पानी और कई तत्वों से दूषित हो रही झील को साफ करने का जिम्मा राजधानी की 12वीं की छात्रा एशना अग्रवाल ने उठाया है। वे फ्लोटिंग वेटलैंड्स, एरेटर व बायोफिल्टर तकनीक से इसे पुनर्जीवित करेंगी।
इस प्राकृतिक तकनीक से पानी शुद्ध होगा। फ्लोटिंग वेटलैंड्स एक ढांचा है। यह पानी की सतह पर तैरते हैं। इनमें विशेष पौधे लगाते हैं। उनकी जड़ें पानी में लटकती हैं और हानिकारक तत्वों को खा लेते हैं। सीएम डॉ. मोहन यादव ने शुक्रवार को इस नीर नवजीवन परियोजना मॉडल का जवाहर झील बाल उद्यान में शुभारंभ किया।
ऐसे काम करेगी नई तकनीक
भोपाल की एशना ने बताया, झील को प्राकृतिक और वैज्ञानिक तरीके से संरक्षित किया जाएगा। झील में 4 फ्लोटिंग वेटलैंड और 8 पौधों वाले 8 बायो फिल्टर लगाए जा रहे हैं। पानी की गुणवत्ता को बेहतर बनाने के लिए 2 प्लोटिंग एरेटर भी लगाए हैं। अगले तीन माह में 208 किलो बायो कल्चर डालेंगे। इससे पानी स्वत: शुद्ध होगा।
कौन है एशना
एशना भोपाल की रहने वाली हैं।
गुजरात की 600 साल पुराने अगरिया समुदाय पर डॉक्यूमेंट्री बना चुकी हैं।
यह डॉक्यूमेंट्री 10 दिसंबर 2023 को दुबई में कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज-28 में दिखाई गई।
कॉन्फ्रेंस ऑफ पार्टीज-28 संयुक्त राष्ट्र की जलवायु परिवर्तन पर होने वाली वार्षिक बैठक है।