रूरल टूरिज्म पर है हमारा फोकस
पर्यटन बोर्ड के पीएस शिवशेखर शुक्ला ने कहा कि प्राकृतिक और ऐतिहासिक दृष्टि से महत्वपूर्ण स्थलों में पर्यटन की संभावनाओं को विस्तार दिया जा रहा है। यहां पर्यटक ज्यादा से ज्यादा संख्या में पहुंच सकें इसके लिए व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाएगा। मानसून सीजन में नेशनल पार्क के कोर जोन में भ्रमण की अनुमति नहीं होती, इस सीजन में पर्यटन गतिविधियों को बनाए रखने के लिए ‘बफर में सफर’ अभियान चलाया गया। रूरल टूरिज्म को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में 100 गांव चिन्हित किए जा रहे हैं। यहां चिन्ह्ति लोगों को प्रशिक्षण देकर पर्यटन गतिविधियों से जोड़ा जा रहा है। कोरोना काल के बाद लोग ऐसे स्थानों पर जाना पसंद कर रहे हैं जहां वे नेचर, इतिहास के साथ ग्रामीण परिवेश का भी आनंद ले सकें।
यहां ट्रैकर्स के लिए खास अवसर हैं
यूथ हॉस्टल एसोसिएशन ऑफ इंडिया के स्टेट चेयरमैन मनोज जौहरी ने बताया कि शहर के आसपास के पर्यटन स्थलों को एक्सप्लोर करने की कोशिश कर रहे हैं। अमरगढ़ वाटरफॉल में 16, रातापानी में 16, बुधनी में 8, टपकेश्वर महादेव में 12 और इछावर का 12 किलोमीटर का ट्रैक काफी खूबसूरत है। हमने चिडिखो में 12 किलोमीटर का एक नया ट्रैक खोजा है, जिसे विस्टा नाम दिया है। वहीं, कलियासोत से केरवा तक 16 किमी का ट्रैक भी अनएक्सप्लोर है। ये भी काफी खूबसूरत रास्ता है जो जंगलों से होकर गुजरता है। हम भोपाल से रातापानी तक साइकिल से ट्रैकिंग की योजना बना रहे हैं। इस तरह की ट्रैकिंग्स यूथ में शहर-देश को जानने का जज्बा जगाती है। भोपाल अपने आसपास ऐतिहासिक और नेचर की खूबसूरती समेटे हुए है, बस सही प्रचार-प्रसार की जरूरत है।