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भोपाल

Home Stay: भोपाल के आसपास हैं खूबसूरत फॉर्म हाउस और होम स्टे, एक बार फैमिली के साथ जरूर आएं

home stay in bhopal: मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों ने मध्यप्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की ‘होम- स्टे’ योजना से जुड़कर अपने घर को अतिथियों के लिए खोल दिया है और इससे वे आर्थिक लाभ भी उठा रहे हैं।

भोपालSep 27, 2024 / 09:40 am

Manish Gite

home stay in bhopal
home stay in bhopal: रोजमर्रा की तनाव भरी जिंदगी से छुटकारा पाने के लिए, शहर की भागदौड़ से दूर प्रकृति की गोद में बसे होम स्टे लोगों को अब काफी पसंद आ रहे हैं। मध्यप्रदेश के विभिन्न जिलों के लोगों ने मध्यप्रदेश टूरिज्म डेवलपमेंट बोर्ड की ‘होम- स्टे’ योजना से जुड़कर अपने घर को अतिथियों के लिए खोल दिया है और इससे वे आर्थिक लाभ भी उठा रहे हैं।
जहां कई लोग दूर-दराज के गांवों में बने होम स्टे में रहकर ग्रामीण जिंदगी का अनुभव लेना पसंद कर रहे हैं, वहीं कई लोग शहर के ही उन होम स्टे को भी पसंद कर रहे हैं, जो चंद मिनटों की दूरी पर हैं, लेकिन प्रकृति के बीच होने का अहसास कराते हैं। इनमें मध्यप्रदेश के साथसाथ दूसरे प्रदेशों के पर्यटक भी रहने आ रहे हैं और खास अनुभव लेकर जा रहे हैं। ओनर्स पर्यटकों की सुविधा का खास ख्रयाल रख रहे हैं। अन्य चीजों में भी मदद करते हैं ताकि वे ज्यादा से ज्यादा समय उनके यहां गुजारें और अच्छी यादें लेकर जाएं। भोपाल जिले में अभी लगभग 35 होम स्टे संचालित हो रहे हैं।
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लकड़ी का बना पिसो ट्री हाउस

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सीमा वर्मा ने बताया कि मेरा ट्री हाउस भोजपुर के पास है। ये बेतवा नदी के किनारे है। हमारे घर पर एक आम का पेड़ था जो हम काटना नहीं चाहते थे। तो हमने उसके पास ऊपरी मंजिल पर पहले सिर्फ एक कमरा बनाया, धीरे-धीरे किचन और अन्य कमरे बना लिए। मणिपुर के रहने वाले पिसो ने इसे बनाया है तो हमने उसे उन्हीं का नाम दिया है पिसो ट्री हाउस। यह पूरा लकड़ी का बना है। हम इसे तीन चार साल से होम स्टे के लिए दे रहे हैं। कई परिवार और दोस्तों के ग्रुप यहां आते हैं। बच्चों के साथ-साथ बड़ों को भी यहां ट्री हाउस में रहना पसंद आता है। मैंने बस बाथरूम, बेड को मॉडर्न किया है ताकि कॉफर्टेबल रहे। बाकि सारी चीजें रूरल फीलिंग देती हैं। किचन दे रखा है, उसमें अपना खाना खुद बनाना होता है।

पसंद करने की वजह

0- शहर की भागदौड़ से दूर प्रकृति के बीच रहने का अनुभव
0- यूनिक डिजाइन में तैयार किए गए घर और कमरे
0- बिल्कुल घर जैसा स्वादिष्ट खाना, खाने में पर्सनल टच
0- होम स्टे ओनर और अतिथि के बीच कल्चरल ए‰क्सचेंज
0- किसी भी तरह की डिमांड हो तो ओनर से सीधे बातचीत भी संभव
0- मुर्गे, बकरी, गाय के साथ बच्चों को खेलते देखना
0- गांव का चूल्हे में बना देसी खाना

इन जगहों पर होम स्टे

भोपाल शहर के यूनिक होम स्टे और फॉर्म हाउस के साथ ही भोपाल और सीहोर जिले के रातीबड़, केकडिय़ा, खारी, बिलकिसगंज, इच्छावर, फंदा, दोराहा, बुधनी में लोग रहना कर रहे पसंद। भोपाल जिले में करीब 35 होम स्टे हैं। ये शाहपुरा, हुजूर, कोलार, साकेत नगर, अरेरा कॉलोनी, फतेहपुर, कोटरा सुल्तानाबाद, पिपलानी, म‰सी गांव, केरवा डैम रोड, बागसेवनिया, रातीबड़, लालघाटी आदि क्षेत्रों में हैं।

ड्रीम हाउस का सपना किया पूरा

डॉ. शैलेंद्र बागरे के बनियन ट्री फार्मस होम स्टे को 2018 में एमपी टूरिज्म की तरफ से बेस्ट होम स्टे का अवॉर्ड मिल चुका है। वे बताते हैं, यहां रहना किसी सपने को जीने जैसा है। अक्सर बचपन में लोग सपना देखते हैं कि पेड़ के ऊपर अपना घर हो, इसी कॉन्सेप्ट पर मैंने इसे बनाया है। मैं खुद प्रोफेशनली एक स्ट्र‰क्चर इंजीनियर हूं। मेरा घर यह शहर में होने के बावजूद नेचर के करीब होने के अहसास कराता है। यहां कई फैमिली एंड फ्रेंड्स गेट टू गेदर के लिए आते हैं और खूब एंजॉय करते हैं। होटल की तुलना में होम स्टे को पसंद करने की वजह खाने में एक पर्सनल टच भी होता है। युवा इसे पसंद कर रहे हैं, क्योंकि वे भी अपना पर्सनल स्पेस, आजादी चाहते हैं।

पेड़ों से घिरा घर देता है सुकून

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ध्रुव देव सिंह बताते हैं मैं नेचर्स कोर्टयार्ड होम स्टे चलाता हूं। मैंने यहां कई तरह के पेड़ लगाए हैं जैसे कचनार, शहतूत, आंवला, अखरोड़। इस जगह पर शहर से दूर प्रकृति के बीच होने का अहसास होता है। यहां विभिन्न राज्यों से लोग रहने आ चुके हैं। सभी से पारिवारिक संबंध भी बन गए हैं। होम स्टे में एक फैमिली टच होता है। लोग अपनेअ पने कल्चर को ए‰क्सचेंज करते हैं। किसी की कोई खास डिमांड है जैसे सुबह 6 बजे चाय पीना है तो भी देते हैं। होटल्स में ये सारी सुविधाएं नहीं होती।
हमारे यहां अभी होम स्टे ओनर्स के लिए वर्कशॉप्स आयोजित की जा रही है, जिसमें हम उन्हें खानपान, साफ-सफाई, हॉस्पिटेलिटी जैसी तमाम चीजें सिखा रहे हैं। प्रदेश के विभिन्न जगहों से होम स्टे चला रहे लोग इसमें भाग ले रहे हैं। इसमें हमने कई तरह के पराठे, दालबाटी, सलाद, स्पेशल चाय कॉफी आदि बनाना सिखाया। हम बताते हैं कि कैसे वे अतिथि का सत्कार करें ताकि उनका स्टे यादगार हो।
-डॉ. नीलिमा वर्मा, डायरेक्टर, एमपी इंस्टिट्यूट ऑफ हॉस्पिटेलिटी ट्रेवल एंड टूरिज्म स्टडीज

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