उपराष्ट्रपति तीन कार्यक्रमों में शामिल हुए। जीवाजी विश्वविद्यालय में जीवाजी प्रतिमा का लोकार्पण किया। छात्रों से संवाद किया। उन्होंने कहा, एआइ के जमाने में क्वालिटी एजुकेशन जरूरी है। म्यूजियम में पृथ्वी की उत्पति, मानव सभ्यता का विकास और ब्रह्मांड की अनूठी जानकारियों को लाइट इफैक्ट और मल्टीमीडिया डिस्प्ले के साथ दिखाया है। किताबों में बोझिल लगने वाले भूगर्भ और भौगोलिक विषयों को स्कूल-कॉलेजों के विद्यार्थी यहां आसानी से समझ सकेंगे।
पृथ्वी-मानव सभ्यता का विकास
म्यूजियम में दो गैलरी है। एक में भू-विज्ञान की जानकारी को लाइट इफैक्ट के साथ संजोया है। पृथ्वी के विकास की कहानी बताई है, मसलन पृथ्वी मूल रूप में कैसे आई, धरती के अंदर लावा कैसे बनता है, ज्वालामुखी फटने से पर्वत कैसे बनते हैं..यह सब दिखाया है। सैलानी यहां भूकंप का अनुभव भी करेंगे। वायुमंडल और महासागर की जानकारी लाइट इफैक्ट से जान सकेंगे। वहीं, दूसरी गैलरी में मानव जाति व मानव सभ्यता के विकास को दिखाया है। डायनासोर की उत्पत्ति-विलुप्ति भी दिखाई गई है।
घूमने का लगेगा टिकट
सामान्य टिकट 20 रु. छात्र 10 रुपए विदेशी सैलानी 200 रु. 8 साल तक के बच्चे नि:शुल्क कर सकेंगे एंट्री 14 साल पहले आग में ढह गई थी इमारत
बाड़े के विक्टोरिया मार्केट में 4 जून 2010 को आग से इमारत ढह गई। स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट में इसे हूबहू बनाया। जीएसआइ ने अब 25 करोड़ से इस म्यूजियम में दो गैलरी तैयार की है।