कर्मचारियों की सैलरी में होगी दोगुनी बढ़त
बताया जा रहा है कि रुपए ग्रेड-पे के साथ 18000 हजार रुपए सैलरी पाने वाले केंद्रीय कर्मचारी की सैलरी आठवें वेतन आयोग की अनुशंसा के बाद 34, 560 कर दी जाएगी। कैबिनेट सचिव के स्तर वाले कर्मचारी जिन्हें अधिकतम 2.5 लाख रुपए की बेसिक सैलरी मिलती है, उनकी सैलरी बढ़कर लगभग 4.8 लाख रुपए हो जाएगी। इसको देखते हुए मध्यप्रदेश के कर्मचारियों को उम्मीद है कि उनकी सैलरी में बड़ा उछाल देखने को मिलेगा।
एमपी के कर्मचारियों को मिले 8th Pay Commission का फायदा
कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सुधीर नायक ने बताया कि केंद्रीय कर्मचारियों की सैलरी में वेतन वृद्धि के बाद राज्य के कर्मचारियों द्वारा केंद्र के समान वेतन देने की परंपरा रही है। इसका ही पालन किया जाएगा। राज्य सरकार के द्वारा वेतन आयोग की कुछ अनुशंसाएं लागू करती हैं, तो कुछ भी नहीं करती हैं। इधर, संयुक्त मोर्चा के अध्यक्ष एमपी द्विवेदी एसबी सिंह ने बताया कि मध्यप्रदेश सरकार वेतन आयोग की अनुशंसाओं को आधा-अधूरा लागू करती है। इस बार पूरी कोशिश रहेगी कि आठवें वेतन आयोग की अनुशंसाओं का पूरी लागू कराया जाए।
पहली बार 1989 में मिला था केंद्रीय वेतनमान का फायदा
मध्यप्रदेश के कर्मचारियों ने संघर्ष के बलबूते पर सन् 1989 में पहली बार केंद्रीय वेतनमान लेने में सफल हुए थे। जिसको देशभर में 1986 में लागू माना गया था। तभी से कर्मचारियों को केंद्रीय वेतन आयोग की अनुशंसाओं का फायदा मिलता आ रहा है।