1950 नए खंबे लगने थे इसमें से करीब 750 लगे हैं। 200 किमी लाइन में से सिर्फ 30 किमी पूरी हुई है, 45 किमी भूमिगत लाइन का काम 15 किमी पूरा हुआ है। पांच हजार खंबे में से सिर्फ 2800 लगाए गए हैं।
सैकड़ों फैक्ट्री ट्रिपिंग से परेशानआरडीएसएस योजना के 33 केवी के टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था। निर्माण एजेंसी समय पर काम पूरा नहीं कर सकी है। बाद में निर्माण एजेंसी ने 31 मई तक का समय मांगा लेकिन अभी भी नतीजा सिफर है। इसकी वजह से खुशखेड़ा कारोली उद्योग क्षेत्र की सौ फैक्ट्रियों को प्रतिदिन ट्रिपिंग झेलनी पड़ रही है। निर्माण एजेंसी के काम में देरी का खामियाजा उद्यमियों को उठाना पड़ रहा है। खुशखेड़ा स्थित आईए 33/11 केवी जीएसएस पर विद्युत भार अधिक होने से निगम ने आरडीएसएस योजना में टॉय जोन में नया 33 केवी जीएसएस का निर्माण कराया जा रहा है। जीएसएस का निर्माण तीन करोड़ से हो रहा है। आईए जीएसएस से 11 केवी के छह फीडर निकलते हैं जिसमें से तीन फीडर पर विद्युत भार अधिक है। इन तीन फीडर पर करीब सौ फैक्ट्रियों का विद्युत भार है। इसकी वजह से प्रतिदिन ट्रिपिंग होती है। टॉय जोन जीएसएस का निर्माण फरवरी तक पूरा होना था लेकिन काम काफी सुस्त गति से चल रहा है। निर्माण एजेंसी की धीमी गति अभी उद्यमियों को भारी पड़ रही है।
बिजली तंत्र को सुधारने के लिए जो भी काम कार्यदायी एजेंसी कर रही है, उसके काम की लगातार समीक्षा की जा रही है, जो भी काम हुए हैं और देरी हुई है उससे उच्चाधिकारियों को अवगत करा रहे हैं।मनोज गंगावत, अधीक्षण अभियंता, विद्युत निगम