scriptतिरंगे में लिपटी पिता की देह देख बिलख उठीं बेटियां, उत्तराखंड में ड्यूटी पर हुए थे शहीद | On Rakshabandhan innocent daughters wept after seeing body of martyr father Awadhesh Sharma wrapped in tricolor | Patrika News
भिंड

तिरंगे में लिपटी पिता की देह देख बिलख उठीं बेटियां, उत्तराखंड में ड्यूटी पर हुए थे शहीद

Martyr Awadhesh Sharma: उत्तराखंड में नेपाल बार्डर पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सेना के हवलदार अवधेश शर्मा का पूरे सम्मान के साथ पैतृक गांव में हुआ अंतिम संस्कार…।

भिंडAug 20, 2024 / 03:54 pm

Shailendra Sharma

Martyr Awadhesh Sharma
Martyr Awadhesh Sharma: रक्षाबंधन पर एक तरफ जहां पूरा देश त्यौहार मना रहा था वहीं भिंड के निवारी गांव में शहीद पिता का तिरंगे में लिपटा शव देख उनकी पत्नी व दो मासूम बेटियां बिलख-बिलख कर रो पड़ीं। उत्‍तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में नेपाल बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान शहीद हुए सेना के हवलदार अवधेश शर्मा का रक्षाबंधन को उनके गांव निवारी में पूरे सम्मान के साथ अंतिम संस्कार किया गया। शहीद को अंतिम विदाई देने के लिए गांव के साथ ही जिले अन्य इलाकों से भी लोग पहुंचे थे जिन्होंने नम आंखों से शहीद को आखिरी सलाम किया।
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नेपाल बॉर्डर पर शहीद हुए थे

उत्‍तराखंड में पिथौरागढ़ जिले के धारचूला में नेपाल बॉर्डर पर ड्यूटी के दौरान सेना के हवलदार अवधेश शर्मा की तबियत बिगड़ गई थी। साथी जवानों ने उन्‍हें इलाज के लिए बरेली अस्‍पताल में भर्ती कराया था, जहां डॉक्‍टरों ने ब्रेन का ऑपरेशन किया। ऑपरेशन के दस दिन बाद रविवार की सुबह 9 बजे हवलदार ने अस्‍पताल के वेंटिलेटर पर अंतिम सांस ली। 15 सदस्‍यीय सेना की विशेष टुकड़ी शहीद का तिरंगे में लिपटा शव लेकर सोमवार की सुबह शहर के अशोक नगर में पहुंची। अंतिम दर्शन के बाद पैत्रिक गांव निवारी अटेर में शव यात्रा निकालकर गार्ड ऑफ ऑर्नर के साथ अंत्‍येष्टि की गई।

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तिरंगे में लिपटी पिता की पार्थिव देह देख रो पड़ीं बेटियां

सेना के जवान जब शहीद अवधेश शर्मा की तिरंगे में लिपटी पार्थिव देह लेकर उनके घर पहुंचे तो शहीद की पत्नी सरस्वती व उनकी दोनों मासूम बेटियां 10 साल की सोनाली और 7 साल की शिवांगी बिलख-बिलख कर रो पड़ीं। पूरा गांव गमगीन था। घर पर अंतिम दर्शन के बाद शहीद अवधेश को गार्ड ऑफ ऑनर दिया गया और उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया गया।

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पत्‍नी से कहा था-सिर दर्द है दवा लेने जा रहा हूं

35 वर्षीय अवधेश पुत्र हरिशंकर शर्मा साल 2008 में सेना में भर्ती हुए थे। वर्तमान में वह मेरठ की 8 ईडब्‍ल्‍यूबीएन यूनिट में पदस्‍थ थे। 28 जुलाई को छुट्टी काटकर घर से जब यूनिट में पहुंचे तो उन्‍हें उत्‍तराखंड के धारचूला पोस्‍ट पर ड्यूटी के लिए भेज दिया गया। 8 अगस्‍त की शाम पौने 7 बजे उन्‍होंने पत्‍नी सरस्‍वती शर्मा से बात की। फोन पर अवधेश ने दस मिनट बात की और कहा कि मेरे सिर में दर्द हो रहा है दवा लेने जा रहा हूं। इसके बाद फोन काट दिया। पंद्रह मिनट बाद अवधेश के सिर में तेज दर्द उठा और वह चक्‍कर खाकर गिर पड़े। जवानों ने उन्‍हें उपचार के लिए पहले जिला अस्‍पताल में भर्ती कराया, फिर डॉक्‍टर की सलाह पर बरेली अस्‍पताल में 9 अगस्‍त को भर्ती किया। इधर जानकारी लगते ही छोटा भाई दिनेश शर्मा भी बरेली पहुंच गए। डॉक्‍टर ने दिनेश को बताया कि ब्रेन में कुछ परेशानी थी, जिसे ऑपरेशन करके ठीक कर दिया है। लेकिन जवान जिंदगी से जंग हार गया।

खेत में किया अंतिम संस्‍कार

निवारी गांव में मुक्तिधाम तक पहुंचने के लिए रास्‍ता ठीक से नहीं था। बारिश के दौरान मुक्तिधाम का रास्‍ता बंद होने से हरिशंकर ने अपने खेत में ही बेटे का अंतिम संस्‍कार करने का निर्णय लिया। छोटे भाई दिनेश ने शहीद अवधेश शर्मा को मुखाग्नि नम आंखों से मुखाग्नि दी। अंतिम संस्‍कार के दौरान क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि और प्रशासन का कोई भी अधिकारी मौजूद नहीं रहा। जिससे परिवार के लोगों ने नाराजगी व्‍यक्‍त की। अंत में सेना के अधिकारियों ने शहीद के पिता को तिरंगा सौंपा।

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