धुलाई सेंटर के पानी से खराब होती सडक़ को सुरक्षित रखने के लिए एनएचएआई ने गोहद, मेहगांव और भिंड के एसडीएम को पत्र लिखा है। एसडीएम ने संबंधित नगर निकायों को कार्रवाई के लिए पत्र भेज दिए। मालनपुर नगर परिषद में भी यह पत्र आया है, लेकिन सीएमओ ने अभी तक उस पर कोई कार्रवाई नहीं की है।
दरअसल वाहन धुलाई सेंटर नियम विरुद्ध संचालित किए जा रहे हैं, जिससे पानी के प्रबंधन का कोई ठोस इंतजाम नहीं है। ऐसे में पूरा पानी सडक़ पर आता है और वाहनों के दबाव से रोड के क्षतिग्रस्त होने का खतरा बढ़ जाता है। इसलिए हाइवे के प्रोजेक्ट हेड सम्राट अशोक मिश्रा ने सभी संबंधित एसडीएम को धुलाई सेंटर पर कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है।
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नियम विरुद्ध संचालित धुलाई सेंटरों की संख्या करीब 12 है। मालनपुर से लेकर फूप तक ऐसे सेंटर चल रहे हैं। हाइवे प्रबंधन ने इनकी सूची भी प्रशासन को उपलब्ध करवाई है। एसडीएम कार्यालयों से भी पत्र नगरीय निकायों को जारी किए गए हैं, लेकिन नगर परिषद के सीएमओ इन पत्रों को दबाकर बैठ गए और कार्रवाई नहीं कर रहे हैं।
एसडीएम गोहद पराग जैन का कहना है कि हाइवे प्रबंधन का पत्र आया था, जिसके आधार पर कार्रवाई के लिए सीएमओ को लिख दिया है, कार्रवाई होगी। वहीं मालनपुर नगर परिषद अध्यक्ष रायश्री मुकेश किरार का कहना है कि इस संबंध में कोई पत्र अभी तक हमारे संज्ञान में नहीं आ पाया है।
एनएचएआई के प्रोजेक्ट हेड सम्राट अशोक मिश्रा बताते हैं कि हाइवे किनारे वाहन धुलाई सेंटर संचालित कर सड़क पर पानी फैलाना अनुचित है। ऐसा करनेवालों के विरुद्ध कार्रवाई के लिए हमने प्रशासन को पत्र लिखा है। इधर गोहद के एसडीएम पराग जैन के अनुसार एनएचएआई की ओर से भेजा गया पत्र मिला है। इसके आधार पर हमने नगरपरिषद के सीएमओ को कार्रवाई के लिए पत्र लिखा है। जल्द ही कार्रवाई की जाएगी।
फैक्ट फाइल
12 से अधिक धुलाई सेंटर संचालित हैं हाइवे किनारे।
50 वाहनों औसतन रोज होती है धुलाई एक सेंटर पर।
100-300 लीटर तक पानी वाहन की धुलाई में खर्च।
24 से ज्यादा लोग शामिल हैं धुलाई सेंटर संचालन में।
15-16 हजार वाहन 24 घंटे में गुजरते हैं हाइवे से।