दरअसल, भिंड को अकोड़ा स्थित जब मिलावटी दूध बनाने वाली डेयर के ऊपर जब प्रशासनिक टीम कार्रवाई के लिए पहुंची तो वहां एक मासिक मैग्जीन के कार्यालय होने का बोर्ड लगा हुआ था। इसे देख पुलिस की टीम कार्रवाई से पहले संकोच कर रही थी। लेकिन सूचना पक्की मिलने के बाद कार्यालय में लगे ताले को तुड़वा दिया। उसके बाद वहां से जेएसआर गोल्ड ग्लूकोज, तेजाब की बोतलें, कैमिकल से भरी कैन, एसएस लिक्विड डिटरजेंट के डिब्बे, बोतलों की खारी बारदाना जिसमें नकली दूध भरकर सप्लाई किया जाता था।
अकोड़ा के कस्बे के वार्ड-4 के भाजपा पार्षद भरतलाल शर्मा के बेटे इंदल शर्मा द्वारा डेयरी संचालित की जा रही है। बताया जा रहा है कि डेयरी पर पशुओं का दूध महज 400-500 लीटर पहुंचता है लेकिन डेयरी से हजारों लीटर दूध प्रति दिन टैंकर में लादकर बाहर भिजवाया जा रहा था। पुलिस की कार्रवाई की सूचना मिलते ही बीजेपी पार्षद और उसका बेटा फरार हो गया है। इतना ही नहीं अकोड़ा में कार्रवाई की सूचना पाकर नकली दूध बनाने की सामग्री सप्लायर अमित जैन भी भिंड के हाउसिंग कॉलोनी स्थित अपने घर में ताला डालकर परिवार सहित फरार हो गया है।a
बिना कार्रवाई के लौट गई थी टीम
गौरतलब है कि नवंबर 2018 में खाद्य विभाग को मुखबिर द्वारा अमित जैन के बारे में यह जानकारी मिली थी कि वह नकली दूध बनाने की सामग्री सप्लाई करता है। हैरानी की बात यह है कि खाद्य और औषधीय विभाग का अमला गोदाम तक पहुंचने के बाद और कैमिकल को आंखों से देखने के बाद भी बिना कार्रवाई किए लौट गई थी। यदि उसी वक्त कार्रवाई हो गई होती तो अगले एक वर्ष तक दूध के नाम पर जहर का सप्लाई नहीं हो पाता। ऐसे में सवाल यह भी है कि आखिर टीम लौट क्यों गई थी।
एडीएम ओमनारायण सिंह ने मंगलवार देर शाम साढ़े सात बजे ऊमरी के अकोड़ा में टीम के साथ पहुंचकर भाजपा पार्षद भरत शर्मा के बेटे इंदल शर्मा की डेयरी को सील कर दिया है। उन्हें सूचना मिली थी कि डेयरी पर लंबे समय से नकली दूध तैयार किया जा रहा है। ऐसे में उन्हें आशंका है कि डेयरी के रिकॉर्ड से स्पष्ट हो जाएगा कि स्थानीय दूधियों से कितना दूध लिया जाता था और सप्लाई में कितनी मात्रा में किया जा रहा है।
शहर में ग्वालियर रोड दबोहा मोड़ की पुलिस के निकट ऊमरी के सिंहुड़ा में कनावर के अलावा मेहगांव, अटेर और गोहद क्षेत्र में पचास से ज्यादा ऐसी डेयरियां हैं, जहां पशुओं का दूध नाम मात्र के लिए आता है जबकि डेयरी से हजारों लीटर के टैंकर भरकर बाहर प्रतिदिन भिजवाए जा रहे हैं।
दरअसल, मुरैना जिले में नकली दूध का कारोबार खूब होता है। दो महीने पहले ही दो भाई पकड़े गए थे। जो सैंपू से दूध बनाकर करोड़पति बन गए थे। देवेंद्र गुर्जर और जयवीर गुर्जर नाम के दोनों भाई सात साल से इस काम में लगे थे। एसटीएफ की कार्रवाई में इनके तीन बंगले, कई एसयूवी और भी कई प्रॉपर्टी मिली थीं। इस खुलासे के बाद ही मध्यप्रदेश में मिलावटखोरों के खिलाफ बड़ी कार्रवाई शुरू हुई थी।