ट्रांसपोर्टर यूनियन का एक प्रतिनिधि मंडल कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव से मिला है। यूनियन के लोगों ने कहा कि कुछ लोग ओवरलोड निकाल रहे हैं, उनके चक्कर में हमारा नुकसान क्यों किया जा रहा है। इस पर कलेक्टर ने सभी वाहन मालिकों से कहा कि 100 रुपए के स्टांप पर लिखकर दो हम ओवरलोड नहीं निकालेंगे, यदि क्षमता(40 टन) से अधिक भार लेकर जाते हैं तो हमारा वाहन राजसात किया जाए। कलेक्टर की इस शर्त पर सभी ट्रांसपोर्टर राजी हो गए हैं और सोमवार को स्टांप लेकर कलेक्टर कार्यालय पहुंचेंगे।
यह भी पढ़ें: आज सबसे छोटा दिन- सबसे बड़ी रहेगी रात, जानिए कितने घंटों तक पसरा रहेगा अंधेरा ट्रांसपोर्टर यूनियन की दस समितियां बनाई गई हैं जो कलेक्टर के समक्ष अपना प्रतिवेदन पेश करेंगी। ट्रांसपोर्टर अजय शर्मा के अनुसार हाइवे पर सबसे अधिक 16 चक्का वाहन ही निकलते हैं जबकि इससे ऊपर 50 से 60 वाहन का ट्रैफिक है। ओवरलोड वाहनों के चक्कर में नियम से अंडरलोड चलाने वाले वाहन चालकों को नुकसान पहुंचाया जा रहा है। यदि इस आदेश को वापस नहीं लिया जाता है तो सभी ट्रांसपोर्टर कोर्ट जाएंगे।
कई किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा
ट्रांसपोर्टर रंजीत सिंह यादव ने बताया एक हजार से अधिक वाहन मालिक कलेक्टर से मिलने सोमवार को जाएंगे। उन्हें लिखित में स्टांप सौंपेंगे, यदि फिर भी हमारी मांग के अनुसार पुल से 16 चक्का से ऊपर के वाहनों को अनुमति नहीं दी जाती है तो न्यायालय की शरण लेंगे। ट्रांसपोर्टर्स और भारी वाहनों के चालक इसलिए नाराज हैं क्योंकि पुल बंद कर दिए जाने से भिंड से इटावा आने जाने में उन्हें कई किमी का अतिरिक्त फेरा लगाना पड़ रहा है।
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कलेक्टर ने अपने आदेश में हवाला दिया था कि पुल पर 16 व 17 दिसंबर को निरीक्षण के दौरान ओवरलोड वाहन गुजर रहे थे। कई बार हिदायत के बावजूद पुल से होकर भारी वाहनों का आवागमन बंद नहीं किया जा रहा है, जिसके कारण कलेक्टर ने 16 चक्का से ऊपर के सभी वाहनों को प्रतिबंधित कर दिया है।
इस शर्त पर चालू हुआ था पुल
बता दें चंबल पुल को 27 जून 2024 को एक साल बाद सशर्त चालू किया गया था। इटावा और भिंड प्रशासन के सामंजस्य के बाद पुल पर से 40 टन तक भार निकालने की अनुमति दी गई थी। इसके साथ ही चेकिंग नाका, पुल के एक ओर सुरक्षाकर्मी, टोल प्लाजा पर वाहनों का भार चेक कर गुजारने जैसी शर्तें जोड़ी गई थीं।
इन्हीं शर्तों के आधार पर चंबल पुल से वाहनों को गुजारा जा रहा था, लेकिन प्रशासन ने पुल की सुरक्षा को देखते हुए इस पर भारी वाहनों को अगले आदेश तक रोक दिया है। वहीं कलेक्टर ने फिलहाल ट्रांसपोर्ट यूनियन के लोगों को आश्वासन दिया है, जिस पर सोमवार को निर्णय हो सकता है।
ग्वालियर के वाहन मालिक रंजीत सिंह यादव कहते हैं कि हाइवे पर अंडर लोड वाहन निकालते हैं। कुछ वाहन ओवरलोड निकलते होंगे लेकिन उनके चक्कर में हमारे वाहन क्यों बंद किए जा रहे हैं। प्रशासन प्रतिबंध हटाए, नहीं तो हम कोर्ट जाएंगे।
भिंड कलेक्टर संजीव श्रीवास्तव के अनुसार चंबल पुल को सलामत रखने के लिए हैवी वाहनों को प्रतिबंधित किया गया है। यहां से 40 टन से अधिक भार वाले वाहन भी गुजारे जा रहे हैं, इसलिए रोक लगाई है।
फैक्ट फाइल
17 से 18 हजार पीसीयू रोजाना ट्रैफिक।
50 से 60 हैवी वाहन गुजरते हैं।
27 जून को शुरू किया गया था पुल।
10 समितियों के ट्रांसपोर्टर मिलेंगे कलेक्टर से।