शहर में गैस पाइपलाइन से उद्योगों को फायदा नहीं मिला है। एेसा काम हो कि फायदा मिले।
उद्योगों को माइनिंग, प्रदूषण नियंत्रण मंडल, रीको, डीआईसी ऑफिस के चक्कर काटने पड़ते हैं फिर भी पूरा काम नहीं होता है। उद्योगपतियों की मदद लिए वास्तविक नीति बनाएं।
डिजिटल इंडिया की बात होती है पर आए दिन नेटबंदी पेशेवरों को परेशान करती है। कई बार रिटर्न तक दाखिल नहीं कर पाते हैं।
टेक्सटाइल सिटी को एयर कनेक्टिविटी चाहिए। हमीरगढ़ हवाईपट्टी से प्रमुख शहरों के लिए हवाई सेवा शुरू हो। ट्रेनें भी बढ़े।
मोड़ का निम्बाहेड़ा में सिरमिक जोन घोषित किया पर कुछ काम नहीं हुआ। इससे उद्यमियों को निराशा होती है।
सरकार सब्सिडी देकर नए सेक्टर क्रिएट करें। अभी व्यापारी को सरकार का साथ नहीं मिल रहा है। आयकर में छूट सीमा पांच लाख रुपए की जाए।
यह दिक्कत भी दूर हो
बरसाती पानी रोका जाए।
सिटी में परिवहन व्यवस्था सही नहींं है। ऑटो में समस्या है। एेसे में सिटी बस या कैब सर्विस शुरू होनी चाहिए।
गाजर घास बड़ी समस्या है। इससे एलर्जी के कारण कई लोग परेशान है।
चौराहों पर अस्थाई अतिक्रमण बहुत है। इससे आए दिन एक्सीडेंट होते हैं।
एचएसएन कोड से समस्या आ रही है। इससे रिटर्न समय पर नहीं भर सकते हैं। इसमें सुधार जरूरी है।
टेक्सटाइल में छोटे व्यापारियों के लिए समस्या बढ़ी है। इसे दूर किया जाए।
जीएसटी लागू करना ठीक है लेकिन तरीका गलत है। इसे फिलहाल ट्रायल बेस पर लागू करना चाहिए। सरकार को इस पीरियड में भी पैनल्टी लगा रही है। इससे उद्यमियों में गलत मैसेज जा रहा है।
जीएसटी में साइट नहीं चल रही है। हर काम के लिए अलग-अलग साइट होनी चाहिए ताकि परेशानी नहीं हो। साथ ही इसमें वस्तुओं का क्लासिफिकेशन खत्म होना चाहिए।
ट्रेडर व मैन्यूफेक्चरर के लिए अलग व्यवस्था हो ताकि रिटर्न आसानी से भरे जा सके। अभी असमंजस में हैं इसलिए जीएसटी को कोई समझ नहीं पा रहा।
जीएसटी के लिए पर्याप्त हेल्प डेस्क नहीं है। यह सुविधा हो तो व्यापारी वहां जाकर अपनी समस्या रख सके।
जिस तरह रसद, पेंशन आदि ऑनलाइन हुआ तो भ्रष्टाचार कम हुआ। उसी तरह सरकार के हर काम को ऑनलाइन करना जरूरी है।