स्कूल जल्द ही सौर ऊर्जा से रोशन होगा। यहां विद्यार्थी वेब के जरिए पढ़ाई व अन्य उपलब्धियां हासिल कर रहे हैं। राजेन्द्र मार्ग स्कूल आजादी से पहले वर्ष 1942 से स्थापित है। संभाग का सबसे बड़ा विद्यालय हैरिटेज लुक देता है। शैक्षिक, सह-शैक्षिक एवं भौतिक वातावरण उसे अलग पहचान देता है।
प्रधानाचार्य श्यामलाल खटीक के कार्यग्रहण के बाद खेल-मैदान स्थित मंच पर राजस्थानी कला व चित्रकारी नजर आने लगी है। विज्ञान संकाय के गार्डन का फ व्वारा अलग छटा बिखेरता है। विद्यालय मेंं नामांकन अपना पिछला रिकॉर्ड तोड़कर 3000 से अधिक दाखिले ले चुका है। प्रधानाचार्य कक्ष हो या प्रशासनिक प्रभाग, हर किसी पर स्टाफ की मेहनत नजर आती है।
पुस्तकालय में वेब पढ़ाई
शिक्षक-अभिभावक सम्पर्क अभियान के तहत शिक्षक आपके द्वार कार्यक्रम में शिक्षक विद्यार्थियों के घर पहुंचे। अभिभावकों ने स्कूल के स्तर की प्रशंसा की। भामाशाह विश्वेश्वर तिवाड़ी की मदद पुस्तकालय भवन की रंगत ही बदल गई। छात्रों की प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए किताबें उपलब्ध हैं। विद्यालय ब्रॉडकास्टिंग सिस्टम एवं सीसीटीवी कैमरों की सुविधा से युक्त है। सभी प्रयोगशालाएं आधुनिक है। अटल टिंकरिंग लैब में बाल वैज्ञानिक मॉडल एवं अन्य उपकरण बनाने का प्रशिक्षण लेते हैं।
प्रधानाचार्य श्यामलाल खटीक बताते है कि नए सत्र मेंं विज्ञान संकाय की भांति कला संकाय परिसर में इंटरलॉकिंग टाइल्स, ग्लोब, फ व्वारा एवं सोलर प्लांट लगाएंगे। कृषि संकाय खुलवाने की योजना हैं। अभी कक्षा 9, 10 व कक्षा 11, 12 (विज्ञान व वाणिज्य) में अंग्रेजी माध्यम से पढ़ाई होती है। पहली से 8 तक भी अंग्रेजी माध्यम से चलाने की योजना हैं। अभी उच्च प्राथमिक सेक्शन सिटी कोतवाली के सामने सिन्धुनगर में है, जिसमें जिम के उपकरण एवं मनोरंजन द्वारा शिक्षण कराने की योजना है।