एक काम हो जाए तो घरों की शान बन सकता है भीलवाड़ा का ये खनिज
-मोड़ का निम्बाहेड़ा को सिरेमिक जोन बनाना जरूरी
भीलवाड़ा. भीलवाड़ा व बीकानेर के फेल्सपार उद्योग को चमकाने के लिए एक कदम और बढ़ाने की जरूरत है। दरअसल, सरकार ने जिले की खदानों से निकल रहे क्वाट्र्ज, फेल्सपार, सोडा, पोटाश आदि खनिज को सीधे ही गुजरात में भेजने पर रोक लगा दी है। इससे जिले में लगी २५० से ज्यादा ग्राइंडिंग यूनिट जीवनदान मिल गया है। अब यहां फेल्सपार का पाउडर बड़ी मात्रा में तैयार हो रहा है। यह पाउडर फिलहाल मोरवी (गुजरात) भेजा जा रहा है। वहां टाइल फैक्ट्रियों में इसका इस्तेमाल हो रहा है। मोरवी से टाइल्स बनकर राजस्थान आ रही है। अगर राजस्थान में ही टाइल फैक्ट्रियां खोली जाए तो प्रदेश को बड़ा फायदा हो सकता है। इसके लिए सिरेमिक जोन का जल्द मूर्त रूप देने की जरूरत है। मोड़ का निम्बाहेड़ा के पास करीब पांच सौ बीघा में सिरेमिक जोन प्रस्तावित है। सरकार ने भूमि आवंटन तय कर लिया है। अब यह भूमि रीको के नाम करने की प्रक्रिया बाकी है। भूमि रीको को नहीं मिलने से सिरेमिक उद्योग नहीं लग पा रहे हैं। इस जोन में करीब पांच हजार करोड़ का निवेश प्रस्तावित है। यहां २०० ग्राइडिंग यूनिट, १५० टाइल यूनिट, २० क्रॉकरी तथा २० सेनेट्री वियर यूनिट लगाने की योजना है।
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सरकार ने बनते ही लगाई रोक
तत्कालीन सरकार ने 5 अक्टूबर 2018 को लम्स के रूप में फेल्सपार बाहर भेजने पर प्रतिबंध लगाया। इसका तोड़ निकालते हुए उद्यमियों ने २० एमएम से लेकर ४० एमएम तक की गिट्टी, ग्रेन और चिप्स रूप में बाहर भेजना शुरू कर दिया। फेल्सपार गुजरात सहित अन्य राज्यों में भेजे जाने से स्थानीय ग्राइंडिंग इकाइयों पर संकट आ गया। कई यूनिटें बंद हो गई थी। अब गिट्टी, ग्रेन व चिप्स भेजने पर भी रोक लग गई है।
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कच्चे माल की आवक बढ़ी
अब कच्चा माल, गिट्टी, चिप्स बंद भेजने पर रोक से गुजरात में लगे चाइनीज प्लांट पर कच्चा माल नहीं जाएगा। इससे ग्राइंडिंग इकाइयों को फायदा होगा, क्योंकि राजस्थान से पीसा हुआ पाउडर ही जाएगा। जिले में आसींद, मांडल, रायपुर, सहाड़ा, हमीरगढ़ क्षेत्र में क्वाट्र्ज फेल्सपार की खदानों में भी रोजगार बढ़ेगा। राजस्थान पत्रिका ने भी उठाया था मुद्दाराजस्थान पत्रिका ने २३ जनवरी को ‘राजस्थान के फेल्सपार से पनप रहे गुजरात के उद्योगÓ समाचार प्रकाशित किया था। इसमें बताया था कि यहां से कच्चा माल गुजरात जाने से स्थानीय ग्राइंडिंग यूनिट बंद होने की स्थिति उजागर की गई थी। इसके साथ ही जिले में सिरेमिक जोन की जरूरत को लेकर भी समाचार प्रकाशित किए गए थे।
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विकसित हो सकता है पार्क
जिले में टाइल्स पार्क विकसित किया जा सकता है। यहां फेल्सपार अच्छी मात्रा में निकलता है। अभी इसका पाउडर गुजरात भेजा जा रहा है।
गोरधनराम, खनि अभियंता
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गिट्टी, चिप्स, ग्रेन पर रोक लगने से फायदा हुआ है। अब तक बंद पड़े कई प्लांट फिर से शुरू हुए हैं। जिले में टाइल्स पार्क की जरूरत है। सरकार से लगातार इसकी मांग कर रहे हैं।
शेषकरण शर्मा, अध्यक्ष, गंगापुर खनिज उद्योग संघ
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