READ: भीलवाड़ा की माताओं के दूध से होगी अजमेर के बच्चों की परवरिश इसके लिए खान विभाग से ईसी भी लेनी होगी। यह पूरी प्रकिया पंद्रह दिन से एक माह में हो जाएगी और वे खनन कर सकते हैं। हालांकि बजरी पर आठ जनवरी 2018 को फिर सुनवाई होनी है। इसमें कोई फैसला आ सकता है लेकिन इससे पहले सरकार ने निजी खातेदारी में खनन की अनुमति देकर नया रास्ता निकाल लिया है।
READ: दीवार तोड़कर स्कूल में घुसा बेकाबू ट्रेलर, गुस्साए ग्रामीणों ने लगाया जाम इससे पहले खान विभाग की ओर से नदी व नालों के आसपास मिट्टी खनन की अनुमति दी जाती थी। अब इसमें बजरी को भी शामिल कर लिया है। इससे नदियों के आसपास 45 मीटर की दूरी को छोड़कर खनन की अनुमति दी जाएगी। इससे जो भी बड़े प्रोजेक्ट चल रहे हैं उनमें बजरी आसानी से उपलब्ध हो जाएगी।
अब तक होता था अवैध खनन नदी-नालों के आसपास अब तक बजरी के खनन के लिए अनुमति नहीं थी। एेसे में लोग अवैध खनन करते थे। इनके आसपास जिनकी बड़ी लीज थी उनके संपर्क में रहकर खनन करते थे। अब सरकार ने इसकी अनुमति दे दी है। इससे निजी खातेदारों को भी फायदा हो जाएगा। अब जो भी निजी खातेदार है और उनके यहां बजरी है, वे अनुमति लेकर इसका खनन कर सकते हैं।