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भीलवाड़ा अब मेडिकल हब, अहमदाबाद व जयपुर को भूले,  मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ निजी हॉस्पिटलों की संख्या बढ़ी

वस्त्रनगरी की पहचान अब देश में मेडिकल हब के रूप में बनने लगी है

भीलवाड़ाJul 01, 2018 / 12:54 pm

tej narayan

Medical hub in bhilwara

Medical hub in bhilwara

भीलवाड़ा।

वस्त्रनगरी की पहचान अब देश में मेडिकल हब के रूप में बनने लगी है। यहां शहर में मेडिकल कॉलेज खुलने के साथ-साथ लगातार निजी हॉस्पिटलों की संख्या बढऩा इसका प्रमाण है। बात चाहे ऑर्थोपेडिक में सर्जरी की हो या हार्ट से जुड़ी बीमारियों की। अब असाधारण बीमारी के लिए भी अहमदाबाद या जयपुर भागने की जरूरत नहीं रही है।
उलटे यहां ऑर्थोपेडिक, न्यूरोसर्जन, यूरोलॉजिस्ट एवं कार्डियोलॉजिस्ट जैसी सुपरस्पेश्यालिटी सेवा मिलने से जयपुर, कोटा, उदयपुर, अजमेर, राजसमंद, टोंक, चित्तौडग़ढ़ व प्रतापगढ़ जिले से लोग उपचार के लिए यहां आ रहे है। प्रदेश में भीलवाड़ा को मेडिकल क्षेत्र में खास पहचान दी है।

बढ़ रहे हैं ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटल
शहर में विशेषकर ऑर्थोपेडिक हॉस्पिटलों की संख्या हर वर्ष बढ़ती जा रही है। पहले ऑर्थोपेडिक के मरीज इलाज के लिए अहमदाबाद, उदयपुर, जयपुर सहित अन्य स्थानों पर जाते थे। अब दूसरे कई शहरों के मरीज यहां आकर इलाज करवा रहे है। यहां अस्पतालों में कई नई तकनीकों का प्रयोग किया जा रहा है। अस्थि रोग विशेषज्ञ डॉ.नरेश पोरवाल, डॉ.बीएम मालू, डॉ.परमजीत गंभीर, डॉ.कुलदीप सिंह राणावत, डॉ.अमित तुर्किया, डॉ.राजेन्द्र लोढ़ा, डॉ.हेमंत सुवालका बताते हैं कि ऑथोपेडिक में जितनी बेहतर इलाज की संभावनाएं है उतनी ही मेहनत भी है। फ्रेक्चर, डिसलोकेशन, ऑर्थोराइटिस, हड्डियों में दर्द, सूजन, ऑस्टियो-पोरोसिस, जोड़ो में परेशानी, मांसपेशियों में खिंचाव की परेशानी जैसी कई बीमारियों का इलाज ऑर्थोपेडिक डॉक्टर करते है। इस क्षेत्र से जुड़े डॉक्टर हड्डियों, जोड़, मांसपेशियों व लिगामेन्ट लक्षण और इनसे जुड़े इलाजों मेंं विशेषज्ञता प्राप्त करते है क्योंकि ये सारे तत्व मिलकर हमारे शरीर में मसक्युलोस्केलेटल सिस्टम का निर्माण करते है।

चिकित्सक दम्पती का सेवा भाव
शहर में डॉक्टर दम्पितयों ने श्रेष्ठता साबित की है । इनमें डॉ. एमपी-लता अग्रवाल, डॉ. कैलाश-संगीता काबरा, डॉ. अरूण-रजनी गौड़, डॉ. प्रदीप-कविता अग्रवाल, डॉ. राजेश छापरवाल-मंजूला मुछाल, डॉ. फरियाद मोहम्मद- फरजाना सिद्धकी, डॉ. अरविन्द-अनीता गुप्ता, डॉ. विशाल गुप्ता-प्रिया माहेश्वरी, डॉ. हरीश मारू-वनिता जैन, डॉ. मनीष-प्रीति भंसाली, डॉ. सुनील गोयल-शैल अग्रवाल, डॉ. आशीष-डॉ.शीतल अजमेरा, डॉ. सुरेश तिवाड़ी-सुमन शर्मा, डॉ.दुष्यंत-रेखा शर्मा, डॉ.अरविन्द-वंदना बंसल, डॉ.केएम-सुन्दरी देवी मेठानी, डॉ. राजेन्द्र धारीवाल-डॉ. पिंकी धारीवाल, डॉ.अजय-रेणू गर्ग, डॉ.योगेश-डॉ.तरूणा दरग्गड, डॉ.प्रकाश-ज्योति थावानी, डॉ.अजयनारायण-सुमन माथुर, डॉ. प्रमोद-डॉ.पिंकी शर्मा, डॉ.विजय-उषा माहेश्वरी, सहित करीब दो दर्जन से अधिक डॉक्टर दम्पती सेवाएं दे रहे है।
इनके परिवार में अधिकांश डॉक्टर
डॉक्टर दम्पती के साथ कई परिवार में तीन से अधिक सदस्य डॉक्टर है। इनमें प्रमुख चिकित्साधिकारी डॉ. एसपी आगीवाल भी शामिल है। डॉ. आगीवाल की पत्नी सुशीला, पुत्र आनन्द व पुत्रवधु भी डॉक्टर है। इसी तरह डॉ.जी के मिश्रा व उनके पुत्र डॉ.गौरव मिश्रा, डॉ. डी आर शर्मा की पत्नी विजयलक्ष्मी, पुत्र आदित्य विक्रम व पुत्रवधु अदिति डॉक्टर है। डॉ.अवधेश माथुर के पुत्र मनीष व पुत्रवधू चारू डॉक्टर है। डॉ.पीसी बाहेती का पुत्र गौरव व पुत्रवधू अमृता डॉक्टर है। डॉ. बीएम भारद्वाज की पत्नी उषा व पुत्र मेघज भी डॉक्टर है।
डॉ. देवन्द्र सोमाणी के साथ ही उनके पुत्र प्रकाश, दीपक व पुत्रवधू प्रज्ञा सोमाणी भी डॉक्टर है। वही आईएमए अध्यक्ष डॉ. केके भण्डारी, डॉ. दिनेश गुप्ता, डॉ.राजेश जैन व डॉ.लव व्यास।

सवा चार सौ डॉक्टर हो चुके शहर में
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन जिला शाखा में 314 डॉक्टर सदस्य है।
इनके अलावा भी करीब सवा सौ डॉक्टर एेसे है जो शहर में अपनी सेवाएं दे रहे है। ये सभी डॉक्टर अलग-अलग बीमारियों के विशेषज्ञ है।
इन्होंने शहर में अपनी विशेषज्ञता के बूते हॉस्पिटल स्थापित कर रखे है।

डॉ.सतीश पाण्डे, डॉ.आलोक मित्तल, डॉ.डी के चक्रवती, डॉ.मनीष चौधरी, डॉ.नरेश खण्डेलवाल, डॉ. कमल शर्मा, डॉ.आरजी गोयल, डॉ.एसएन विजयवर्गीय बताते है कि जटिल बीमारियों का उपचार भी अब भीलवाड़ा में संभव है।
वही हद्यरोग विशेषज्ञ डॉ.सुभाष डुकिया, डॉ.पवन ओला का कहना है कि हद्यरोग से सम्बन्धित रोग का इलाज भी यहां उपलब्ध है।

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