गुलाबपुरा स्थित कॉपरेटिव मिल बंद होने के बाद मिल के श्रमिकों को सरकार ने शिक्षा विभाग में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के रूप में साढ़े सात माह के लिए प्रतिनियुक्ति पर लगाया गया था। ये अवधि मंगलवार रात को खत्म हो गई, लेकिन सरकार ने इनके स्थायी समायोजन की कोई व्यवस्था नहीं की। अब कर्मचारियों के सामने संकट है कि वे बुधवार से कहां जाएं। इनकी नौकरी पर संकट खड़ा हो गया है।
सरकार ने इन श्रमिकों को अक्टूबर 2017 में शिक्षा विभाग के अधीन विभिन्न संचालित सीनियर एवं माध्यमिक विद्यालयों में चतुर्थ श्रेणी कर्मचारी के पद पर 6 माह के लिए नियुक्ति दी थी। इन दौरान इन्हें अन्य विभागों में स्थाई रूप से समायोजित किया जाना था। लेकिन जब स्थायी नियुक्ति नहंी हुई तो शिक्षा विभाग में ही प्रतिनियुक्ति डेढ़ माह के लिए बढ़ा दी गई। इसकी समय सीमा मंगलवार को खत्म हो गई।
इसके बावजूद राज्य सरकार ने कुछ नहीं किया। इसके चलते गुलाबपुरा मिल में कार्यरत रहे 189 श्रमिकों के करियर पर तलवार लटक गई है।
प्रतिनियुक्ति पर लगे श्रमिक कैलाश भंडारी, मिश्री लाल माली और हगामी लाल गुर्जर ने कहा कि राज्य सरकार द्वारा इतनी लंबी अवधि में भी स्थाई रूप से समायोजन नहीं किया गया।
इसके चलते मानसिक रूप से परेशान हो चुके हैं। परिवार भी परेशान है। राज्य सरकार को चाहिए कि हम श्रमिकों के बारे में जल्द से जल्द स्थाई निराकरण करें।
आगे के लिए कोई निर्देश नहींशिक्षा विभाग के निदेशक
बीकानेर को आज स्थिति से अवगत करवाया गया, लेकिन शाम तक इन कर्मचारियों को कल से आगे रखने के लिए किसी तरह के कोई निर्देश नहीं मिले हैं।
अशोक कुमार जिला शिक्षा अधिकारी, माध्यमिक प्रथम
प्रक्रिया चल रही हैइनके बारे में प्रक्रिया चल रही है। शीघ्र ही कुछ निस्तारण होगा। सरकार विचार कर रही है।
– डी के भंबानी, संयुक्त सचिव, सहकारिता विभाग