शिक्षा निदेशक की ओर से जारी आदेश के अनुसार अधिक नामांकन वाले स्कूलों में शून्य नामांकन के 14 स्कूलों को मर्ज किया। वहीं, 9 स्कूलों को नजदीकी स्कूलों में मर्ज किया है। प्रारंभिक से माध्यमिक शिक्षा में एक स्कूल को मर्ज किया। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक शिक्षा की 200 स्कूलों को माध्यमिक शिक्षा में मर्ज हुए। इन स्कूलों में नामांकन शून्य था। इस श्रेणी में एक विद्यालय प्राथमिक स्कूल नाडोली खेड़ा को सीनियर सेकेंडरी बरला में मर्ज किया है। प्रारंभिक शिक्षा विभाग की प्राथमिक और उच्च प्राथमिक 35 स्कूलों को भी मर्ज करने की निर्देश दिए हैं। इन स्कूलों में नामांकन कम था। इसमें एक स्कूल भीलवाड़ा जिले के ओजियाड़ा स्थित जोधासिंह का खेड़ा को सीनियर सेकेंडरी स्कूल ओजियाड़ा में मर्ज किया है।
पहले कर चुके 190 स्कूल मर्ज गत 8 जनवरी को आदेश जारी करते हुए 190 स्कूलों को मर्ज करने के आदेश जारी किए थे। इनमें 169 स्कूलों में नामांकन शून्य था। मर्ज और बंद किए स्कूल प्रदेश के अलग-अलग जिलों में है। इनमें जयपुर, कोटा, अजमेर, बीकानेर, उदयपुर जैसे संभाग के मुख्यालय पर भी स्कूल संचालित है।
सरकार को दोहरा फायदा स्कूलों को मर्ज करने से इनमें कार्यरत शिक्षक अब दूसरी जगह स्कूल में नियुक्त होंगे। उन्हें ऐसे स्कूलों में नियुक्त किया जाएगा, जिनमें शिक्षकों की कमी है। इसी प्रकार कई ऐसे स्कूल भी थे, जिनमें नामांकन कम था और वे वह किराए की जगह पर संचालित हो रही थी। अब इन स्कूलों को मर्ज करने से सरकार को राजकोष में लाभ होगा, क्योंकि किराए का भुगतान नहीं करना पड़ेगा।