READ: कोहरे से सड़क हादसा, तीन की मौत, तीन घायल सभी ब्रांचों में सीटें खाली रही है लेकिन स्टूडेंट्स ने प्रवेश के लिए आवेदन नहीं किया। इसका कारण यही है कि बाजार में इंजीनियर्स को अच्छा पैकेज नहीं मिल रहा है। हालांकि कॉलेज में कैंपस प्लेसमेंट हो रहे हैं लेकिन इसका आंकड़ा कम है। यही वजह है कि कॉलेज में सीटें खाली पड़ी हुई है।
READ: टेक्सटाइल कॉलेज में बीस दिन पूर्व डिक्की तोड़ मोबाइल चुराने के दो आरोपित धरे केवल 5 सीट भरी भीलवाड़ा में टेक्सटाइल की कई इंडस्ट्री है। इसके बावजूद यहां पर्याप्त
रोजगार नहीं मिलने की वजह से स्टूडेंट्स टेक्सटाइल इंजीनियरिंग नहीं करना चाहते हैं। अब डेनिम प्लांट के साथ ही कई नई टेक्नोलॉजी की लूम भी आ गई है। इसके बावजूद भी इंजीनियरिंग के प्रति मोह नहीं होने से अभी भी 42 में से 37 सीटें खाली रह गई।
यह है बीटेक सीटों की स्थिति
कोर्स सीटें खाली
टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी 126 21
टेक्सटाइल केमेस्ट्री 42 14
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग 42 37
मेकेनिकल इंजीनियरिंग 63 4
इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी 63 1 पिछले वर्षों में प्लेसमेंट की स्थिति
कोर्स वर्ष 14-15 15-16 16-17
टेक्सटाइल केमेस्ट्री 43 49 45
टेक्सटाइल इंजीनियरिंग 47 13 07
मेकेनिकल इंजीनियरिंग 67 67 64
इंर्फोमेशन टेक्नोलॉजी 55 55 50
इसीई 60 60 59
टेक्सटाइल टेक्नोलॉजी 142 152 138
आधी से ज्यादा सीटें खाली
कुछ साल से टेक्सटाइल इंजीनियरिंग के प्रवेश लेने वाले छात्रों में कमी आई है। हालांकि टेक्यूप के माध्यम से अब नए कोर्सेज व अच्छी सुविधाएं हो गई है। कुछ योग्य स्टूडेंट्स को अच्छे पैकेज मिले भी है। आईटी की स्थिति में सुधार हुआ है लेकिन टेक्सटाइल इंजीनियरिंग में तो आधे से ज्यादा सीेटें खाली है।
डॉ. आनंदकिशोर चतुर्वेदी, प्रिंसिपल, एमएलवीटीसी