पत्रकारों से बातचीत में सिंह ने आरोप लगाया है कि इजराइली सॉफ्टवेयर पैगेसस को भारत लाने में भारत सरकार का ही हाथ है, क्यंूकि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी वर्ष 2017 में इजराइल गए और इसके बाद 2018 में यह सॉफ्टवेयर भारत आ गया था। उन्होंने आशंका जताई की यदि इजराइल कम्पनी ने यह सॉफ्टवेयर बेचा है तो उनको हमारे भारतीय सेना की सारी जानकारी मिल सकती है।
उन्होंने कहा कि खतरे की बात तो यह है कि फोन स्विच ऑफ करने के बाद भी तमाम में जनकारी निकाली जा सकती है और आंतकारियों तक पहुंचाई जा सकती है। सिंह ने कहा कि हम तो यह जानना चाहते है कि भारत सरकार ने यह सॉफ्टवेयर खरीदा के नहीं, प्रमाण तो खरीदने के आ रहे है। इसको राष्ट्रीय सुरक्षा से जोडना चाहिए।
केन्द्र सरकार द्वारा कोरोना काल में ऑक्सीजन की कमी से मौत नहीं होने के सवाल पर सिंह ने कहा कि नरेन्द्र मोदी कह रहे है कि चीन हमारी सीमा में नहीं आया,प्रवासी मरा नहीं, किसान ने आत्महत्या नहीं की और अब कह रहे है कि ऑक्सीजन से कोई नहीं मरा। उन्होंने कटाक्ष कसा कि थोड़े दिन बाद कह देगें कि कोरोना तो आया ही नहीं है क्यूकि यह महा झूठी सरकार है। इन्होने क्या-क्या वादे नहीं किए यह केवल देश के लोगों की धार्मिक भावनाओं से खिलवाड कर देश पर कब्जा कर रहे है। थोडे दिन बाद यह साबित हो जाएगा कि वर्ष 2014 व 2019 का लोकसभा चुनाव भी ईवीएम के माध्यम से जीता था।
सिंह ने कहा कि यह सरकार किसान विरोधी है। किसान की पूरी उपज कॉरपेरेट के हाथ में दे रही है, हाल ही में बैंकिंग रेग्यूलेशन में परिवर्तन हो गया है जिससे बड़े बड़े बैंक भी सरकारी समिति में प्रवेश कर सकते है। उन्होंने कहा कि केन्द्र सरकार सूट boot की सरकार है।