बता दें कि भीलवाड़ा जिले में सोमवार को शीतला सप्तमी पर रंगों की धमाल रही। महिलाओं ने सुबह शीतला माता की पूजा कर सुख समृद्धि की कामना की। फिर रंग खेलने का सिलसिला शुरू हुआ, जो देर शाम तक चला। भीलवाड़ा में सुबह से गली-मोहल्लों में युवा व बच्चों की टोलियां एक-दूसरे को रंग लगाने निकल पड़ी। पानी की बौछारों एवं डीजे की धूम रही। दिनभर लोग रंगों की मस्ती में डूबे रहे। रविवार आधी रात से शीतला माता का पूजन शुरू हो गया। अलसुबह महिलाएं पूजन करने पहुंची।
माताजी के स्थानकों और पीपल पर आटे के दीपक में तेल भर प्रज्ज्वलित किया। माता को एक दिन पूर्व बने ठंडे पकवानों का भोग लगाया। उसके बाद रंग खेलने की सिलसिला शुरू हुआ। इस बार दो हजार क्विंटल से ज्यादा गुलाल उड़ाई गई। कोई परिवार तो कई साथियों के साथ होली खेलने निकल पड़े। रंग खेलने आए लोगों की पापड़, खट्टा-मीठा ओलिया और मिठाई से मनुहार की गई। घर-घर एक दिन पहले बनाया खाना खाया। शहर के सूचना केंद्र चौराहे पर सामूहिक रूप से होली गई। डीजे की धुन पर हजारों लोगों ने एक-दूसरे को गुलाल लगाया। संजय कॉलोनी माहेश्वरी समाज संस्थान ने बृज की तर्ज पर होली खेली। अध्यक्ष श्यामलाल डाड ने बताया माहेश्वरी समाज के लोग माल में शामिल हुए। ठंडाई, ओलिया खिलाया गया।