Sheetala Ashtami 2024: होली से सात दिन बाद भीलवाड़ा में अनूठी परम्परा निभाने का रिवाज है। यहां शीतलाष्टमी पर मुर्दे की सवारी निकाली जाती है। जीवित को अर्थी पर लेटाकर अंतिम यात्रा निकाली जाती है।
भीलवाड़ा•Mar 16, 2024 / 10:50 am•
Akshita Deora
Rajasthan Unique Tradition: होली से सात दिन बाद भीलवाड़ा में अनूठी परम्परा निभाने का रिवाज है। यहां शीतलाष्टमी पर मुर्दे की सवारी निकाली जाती है। जीवित को अर्थी पर लेटाकर अंतिम यात्रा निकाली जाती है। यात्रा शहर के मुख्य मार्गों से होते पुराना भीलवाड़ा इलाके में पहुंचती है। यहां अर्थी को जला दिया जाता, जबकि उस पर सोया व्यक्ति भाग जाता है। बरसों से यह परम्परा चली आ रही है। इस दौरान शहर गुलाल-अबीर से सराबोर होता है। होलिका के मंगेतर इलोजी की याद में उनकी सवारी निकालने की परंपरा है।
ढोल-नगाड़ों की गूंज, सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम, ड्रोन से रखते हैं नजर
शव यात्रा में सैकड़ों लोग शामिल होते हैं। सुरक्षा की दृष्टि से पुलिस व प्रशासन पुख्ता इंतजाम करता है। ड्रोन से यात्रा पर नजर रखी जाती है। बड़ी संख्या में पुलिसकर्मी यात्रा के साथ चलते हैं। ढोल-नगाड़े के साथ गुलाल उड़ाते हुए यात्रा जाती है। पूरा शहर गुलाल से अट जाता है।
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