एक्सट्रनल क्रेडिट रेटिंग में कमी होने के बावजूद भी एक निश्चित अवधि तक ऐसे उद्यमियों के ब्याज की दर नही बढाएगी।
ब्याज मोरटोरियम अवधि को बढाने पर विचार
सरकार की ओर से घोषित ब्याज मोरटोरियम अवधि को बढाने के प्रश्न पर उन्होंने कहाकि कोविड की वजह से कई उद्योग एवं सर्विस सेक्टर बुरी तरह प्रभावित हुए है। इनमें से टेक्सटाइल भी एक है। रिजर्व बैंक की ओर से पूरे देश में विभिन्न उद्योग सेक्टर के बारे में जानकारी एकत्रित की जा रही है। ऐसे सेक्टर के लिए मोरटोरियम अवधि को बढाने के लिए सरकार से चर्चा भी चल रही है। संभव है कि 31 जुलाई बाद इस विषय में कुछ सकारात्मक घोषणा हो।
इण्डियन बैंक एसोसियेशन के माध्यम से सरकार के साथ चर्चा
लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की ओर से ऐसे उद्योगों के वर्गीकरण के लिए जो नई परिभाषा घोषित की गई है लेकिन पहले जो उद्योग बडे उद्योगों की श्रेणी में आते थे लेकिन अब मध्यम में आ रहे है लेकिन बैंको की ओर से उन्हें इसका लाभ नही दिया जा रहा है। इस सवाल पर सेट्टी ने कहाकि लघु एवं मध्यम उद्योग मंत्रालय की ओर से बैंको को यह बताया गया कि जो उद्योग मंत्रालय के पोर्टल पर मध्यम उद्योग श्रेणी में पंजीकृत हो जाए। उन्हें मध्यम उद्योग माना जाए, लेकिन रिजर्व बैंक ऑफ इण्डिया ने इस विषय में कुछ अलग गाइडलाइंस दी है। इसके कारण बैंक निर्णय नही
कर पा रहे है। स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया एवं अन्य प्रमुख बैंकों ने इस विषय को इण्डियन बैंक एसोसियेशन के माध्यम से भारत सरकार के साथ उठाया जा रहा है एवं प्रयास किए जा रहे है कि नई परिभाषा का लाभ मध्यम उद्योगों को
दिया जा सके।
भीलवाडा में एनपीए का अनुपात नगण्य
स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया के मुख्य महाप्रबंधक अमिताव चटर्जी ने बताया कि कोरोना के चलते केन्द्र सरकार के राहत पेकेज आने से पूर्व ही स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने त्वरित कदम उठाते हुए उद्यमियों को एवं विशेष रुप से लघु एवं मध्यम उद्योग क्षेत्र को राहत देने के लिए कदम उठाए। लगभग 50 हजार से अधिक लघु एवं मध्यम उद्यागों को 11 हजार करोड से अधिक के अतिरिक्त ऋण स्वीकृत किए है। इस क्षेत्र को ओर अधिक राहत देने के लिए स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया ने पूरे देश में 90 लघु एवं मध्यम रिलेशनशिप प्रबंधक नियुक्त किए है। वे उद्योगों तक पहुंच कर केस टू केस राहत देने के प्रयास किए जा रहे हैए जिनमें मार्जिन में छुट, ब्याज दर कम करना आदि सभी तरह की छुट
देने के प्रयास किए जाकर उद्यमियों को वास्तविक राहत प्रदान की जा रही है। भीलवाडा के टेक्सटाइल उद्योग की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहाकि यहां 120 से अधिक टेक्सटाइल उद्योग स्टेट बैंक ऑफ इण्डिया से जुडे है एवं भीलवाडा में एनपीए का अनुपात नगण्य है। वेबीनार के प्रारम्भ में चेम्बर के वरिष्ठ उपाध्यक्ष जी सी जैन ने सभी का
स्वागत किया एवं चेम्बर का परिचय दिया।
टर्नऑवर 25 हजार करोड से दुगना होगा-मोदानी
राजस्थान टेक्सटाइल मिल्स एसोसियेशन के चेयरमेन एस एन मोदानी ने भीलवाडा के टेक्सटाइल उद्योग का उल्लेख करते हुए कहाकि यहां का वर्तमान टर्नऑवर लगभग 25 हजार करोड है, जो कि अगले 5 वर्ष में दुगुना होने की आशा है। यहां के उद्यमी अब स्वयं के पावर प्लान्ट, सौलर प्लान्ट एवं वृहद उत्पादन क्षमता से अपनी लागत कम करके राष्ट्रीय एवं अन्तरराष्ट्री बाजार में ओर अधिक जगह बनाएंगे।
इन्होंने लिया हिस्सा
वेबिनार में नितिन स्पिनर्स के दिनेश नौलखा, चेम्बर के उपाध्यक्ष डॉ आरसी लोढा, डॉ पीएम बेसवाल, जेसी लढ्ढा, टेक्सटाइल ट्रेड फेडरेशन अध्यक्ष दामोदर अग्रवाल, आरएसडब्ल्युएम के संयुक्त प्रबंध निदेशक बीएम शर्मा, राजस्थान सिन्टेक्स उदयपुर के निदेशक विकास लाडिया ने बैंकिंग उद्योग एवं टेक्सटाइल से संबंधित कई प्रकरणों को रखा। संचालन फिक्की के अतुल शर्मा ने किया। इसमें मानद महासचिव आरके जैन, टेक्सटाइल फेडरेशन के अतुल शर्मा, लघु उद्योग भारती के महेश हुरकट, सुमित जागेटिया, डीपी मंगल, राघव सोमानी, मोहित भीमसरिया, राजीव मुखिजा,
एमडी गगरानी, दीपक अग्रवाल सहित 50 से अधिक उद्यमियों ने हिस्सा लिया।