आरपीसीबी के क्षेत्रीय अधिकारी दीपक धनेटवाल ने बताया कि भीलवाड़ा शहर में 300 से अधिक विवाहस्थल और बैंकेट हॉल व होटल संचालित है। इनमें से 45 से अधिक होटल संचालकों को प्रदूषण नियंत्रण के इंतजाम अब तक नहीं किए जाने पर नोटिस दिए है। पूर्व में भी इन सभी को प्रदूषण नियंत्रण के इंतजाम करने के निर्देश जारी किए थे। निर्देशों के अनुसार संचालकों को वेस्ट वाटर, ठोस अपशिष्ट, ध्वनि व वायु प्रदूषण, ऊर्जा संरक्षण के मानकों की सख्ती से पालना करना अनिवार्य किया था। साथ ही पालना नहीं करने पर भी संचालन की अनुमति निरस्त करने तथा अन्य को पंजीयन कराने को कहा है।
विवाह स्थलों के लिए यह नियम नए विवाह स्थल, अनुमति आवेदन में प्रदूषण स्त्रोत व उसके निवारण की फिजिबिलिटी रिपोर्ट, जमीन आवंटन व रूपांतरण या स्वामित्व का स्थानीय निकाय का अनापत्ति प्रमाण पत्र, भूजल दोहन का अनुमति पत्र सहित अन्य दस्तावेज प्रस्तुत करेंगे। लगातार संचालन के लिए ऑनलाइन आवेदन के साथ प्रोजेक्ट में हुए निवेश का सीए से प्रमाणित पत्र, पूर्व में जारी अनुमति पत्र की प्रति के अलावा संबंधित विभागों से आवश्यक एनओसी देनी होगी।
इनकी पालना करनी होगी
- अपशिष्ट के निस्तारण को लेकर अपशिष्ट से तेल एवं ग्रीस, चिकनाई अलग करने के लिए वैज्ञानिक तरीके से ऑयल व ग्रीस ट्रेप का निर्माण करना होगा।
- वायु प्रदूषण को लेकर खाना बनाने-पकाने में स्वच्छ ईंधन का उपयोग। जनरेटर सेट और बॉयलर में केवल क्लीनर फ्यूल इस्तेमाल की अनुमति होगी। परिसर में केवल एकॉस्टिक एनक्लोजर एवं पर्याप्त ऊंचाई की चिमनी के जनरेट सेट लगाए जाएंगे।
- ध्वनि प्रदूषण को लेकर लाउडस्पीकर, डीजे, आतिशबाजी पर नियंत्रण ध्वनि प्रदूषण विनियमन एवं नियंत्रण नियम के प्रावधान की पालना।
- भूजल दोहन को रोकने को लेकर बोरवेल पर वाटर मीटर लगाकर लॉग बुक की व्यवस्था करना। जहां भूजल दोहन 10 किलोलीटर प्रतिदिन या अधिक है, वहां केन्द्रीय भूजल प्राधिकरण से स्वीकृति लेनी होगी।
- जल संरक्षण को लेकर जहां भूजल दोहन कर रहे हैं वहां अनिवार्य रूप से वाटर हार्वेस्टिंग सिस्टम बनाना।
- ऊर्जा संरक्षण के तहत डीजल जनरेटर सेट की बजाए इनवर्टर उपयोग को प्रोत्साहन करना।
- प्लास्टिक वेस्ट के निस्तारण को लेकर इसके निस्तारण की व्यवस्था करना। प्लास्टिक वेस्ट प्रबंधन नियम की पालना।