रोमा ने दिया जन्म – सफेद बाघिन रोमा 9 साल की है। दोनों शावक उनकी पहली संतान है। वह पिछले साढ़े चार माह से बच्चों का लालन पालन कर रही है। वन्यजीव विशेषज्ञ, मैत्रीबाग प्रभारी एजीएम डॉ. एनके जैन ने बताया कि जू अथॉरिटी के निर्देश मुताबिक ही इन नन्हें शावकों और इनकी मां की देखभाल की जा रही है।
सलभर में 5 शावकों ने जन्म लिया मैत्रीबाग में 2023 में 5 सफेद बाघ के शावकों ने जन्म लिया। सफेद बाघ और उनके नन्हें शावक अपने आकर्षक धारियों, सफेद रंग और चमकदार नीली आंखों के साथ बहुत ही आकर्षक लग रहे हैं। वर्तमान में मैत्रीबाग में रक्षा, रोमा आजाद, सुल्तान, सिंघम, बाबी, राणा, रुस्तम सफेद बाघ हैं। 2 नए शावकों का नामकरण फ्लावर डे पर किया जाएगा। 3 बाघिन समेत 10 सफेद बाघ हो गए हैं।
मैत्रीबाग में सबसे अधिक सफेद बाघ मैत्रीबाग सफेद बाघों की सबसे अधिक संख्या के साथ भारत के शीर्ष चिडिय़ाघरों में से एक बन गया है। मैत्रीबाग प्रबंधन ने सेंट्रल जू अथॉरिटी के नियमानुसार अब तक देश के 5 से भी अधिक चिडियाघरों में सफेद बाघों का आदान-प्रदान किया है। उनके मार्गदर्शन में जू-कीपर्स मुहर्रम, मोहन, नरसैया ने शावकों के जन्म से लेकर पूरी देखभाल कर रहे हैं। मैत्रीबाग की एक प्रशिक्षित टीम मां और शावकों पर नजर रखी हुई है। शावकों को जन्म के बाद 4 माह तक सार्वजनिक नहीं किया गया था।
देश के पांच जू के भेजे गए हैं बाघ अब तक मैत्रीबाग जू से देश के 5 चिडिय़ाघरों जवाहर लाल नेहरु जूलोंजिकल पार्क, बोकारो, लखनऊ जूलोंजिकल गार्डन, राजकोट जूलोंजिकल पार्क राजकोट, इंदिरा गांधी प्राणी संग्रहालय इंदौर, जूलोंजिकल, रेस्कुयु सेंटर मुकुंदपुर, सतना मध्यप्रदेश में 12 सफेद बाघों का आदान-प्रदान किया गया है।
बच्चों पर देती है 70 फीसदी वक्त डॉ. जैन ने बताया कि बाघिन जन्म के बाद, पहले कुछ दिनों तक अपने शावकों की देखभाल में अपना करीब 70 प्रतिशत समय बिताती है। बाघिन मां नियमित रूप से शावकों को केवल थोड़े समय के लिए खाने-पीने के लिए छोड़ती है।, ताकि शावक लगभग 4 माह बाद पूर्ण रूप से मांस खाना सीख जाएं। लगभग साढ़े तीन महीने की गर्भावस्था अवधि के दौरान, बाघिन को उसके महत्वपूर्ण स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी के लिए पशु चिकित्सा विशेषज्ञों से नियमित रूप से मागदर्शन लिया जा रहा था।
नन्हें शावकों का इस तरह रखा गया ध्यान पशु चिकित्सा मानदंडों के अनुसार, स्तनपान और अन्य स्वास्थ्य मापदंडों की निगरानी के लिए शावकों को मां के साथ एक अंधेरे कमरे में रखा गया। युवा शावकों की देखभाल करते समय बाघिन मां अत्यधिक सतर्क और गुप्त रहना पसंद करती है। इसलिए गुफा जैसा माहौल बनाने, घूमने और पर्याप्त जगह बनाने के लिए बाघिन और नन्हें शावकों को नियंत्रित प्रकाश व्यवस्था के साथ एक अलग बाड़े में रखा गया है।
फैक्ट फाइल मैत्रीबाग में सफेद बाघ-10 नर बाघ-7 मादा-3