प्रधानमंत्री ने दी बड़ी सौगात
इस मौके पर वैशाली नगर के विधायक ने कहा कि पीएम ने वैशाली नगर को एक बड़ी सौगात दी है। मजदूरों को अब निजी अस्पताल की ओर रुख नहीं करना होगा। नि:शुल्क इलाज होगा मजदूरों का। सर्वसुविधा युक्त है, एक्यूपमेंट एक माह में खरीद ली जाएगी। यहां बाहर से चिकित्सक लिए जा रहे हैं, जरूरत के मुताबिक चिकित्सकों को हायर किया जाएगा। उद्यमी अगर मजदूरों का ईएसआई कार्ड बनाने में रुचि नहीं लेते हैं, तो उद्योग बंद करना पड़ेगा। यह डबल इंजन की सरकार है।
25 हजार कार्डधारी अकेले बीएसपी में
अकेले भिलाई स्टील प्लांट में ही 25 हजार से अधिक ईएसआईसी कार्डधारी हैं। यहां अभी भी गार्डन में काम करने वाले ठेका श्रमिक, कचरा एकत्र करने वाले सभी ठेका श्रमिक समेत अन्य का ईएसआईसी कार्ड नहीं बनवाया गया है। अब अस्पताल शुरू हो जाने के बाद उम्मीद है, कि मांग बढ़ेगी और सभी का कार्ड बनकर तैयार हो जाएगा।
संभाग में 1000 छोटे बड़े उद्योग
दुर्ग संभाग में करीब 1000 छोटे बड़े उद्योग हैं। यहां काम करने वाले 65 फीसदी का भी ईएसआईसी कार्ड नहीं बना है। इसमें करीब 90 हजार मजदूर काम करते हैं। इसमें से बड़े उद्योगों के श्रमिकों का कार्ड बना है। इस तरह के करीब 65 हजार का ही कार्ड बन पाया है। ईएसआईसी हॉस्पिटल शुरू हो जाने से अब और मजदूर भी ईएसआईसी कार्ड बनाने के लिए कंपनी और ठेका एजेंसी पर दबाव बनाएंगे। इससे उनके परिवारों को भी इसका लाभ मिलेगा।
मजदूर के परिवार को नहीं भटकना पड़ेगा इलाज कराने
स्मृति नगर में ईएसआइसी हितग्राहियों के लिए हॉस्पिटल शुरू हो जाने से श्रमिकों और उनके परिवार के सदस्यों को बेहतरीन उपचार की सुविधा मिलेगी। इसके शुरू होने के बाद मरीजों को दूसरे अस्पताल में रेफर करने या जांच के लिए एक स्थान से दूसरे जगह, लेकर जाने जैसे सारे मसले खत्म हो जाएंगे। एक ही छत के नीचे तमाम आधुनिक मशीनों से लैस यह अस्पताल श्रमिकों के लिए वरदान साबित होगा।
निजी अस्पतालों की तर्ज पर होगा इलाज
शुरूआत में ओपीडी, इमरजेंसी और फार्मेंसी की सुविधा मुहैया कराई जाएगी। इसके बाद सुपर स्पेशलिटी की तरह इस हॉस्पिटल में आधुनिक लैब, ब्लड बैंक, ट्रामा सेंटर, सिटी स्कैन, आधुनिक मशीन, ऑपरेशन थिएटर का विस्तार होगा। हॉस्पिटल कैशलेस होगा। इसमें बीएसपी के अलावा एचएससीएल के मजदूर, एसीसी, बीईसी, बीके इंजीनियरिंग, हथखोज के हेवी व लाइट उद्योग, नगर पालिक निगम, निजी संस्थाओं में काम करने वाले सफाई कामगार अपना व अपने परिवार का इलाज करवा पाएंगे।
50 फीसदी राशि मजदूरों की
संभाग में करीब 90 हजार मजदूर ईएसआइसी कार्डधारी हैं। इनसे हर माह करीब 2.5 करोड़ रुपए ईएसआइसी के खाते में जा रहे हैं। 2008 से ईएसआइसी में राशि जमा होना शुरू हुई है। अब तक लगातार खाते में यह रकम जा रही है। साल में करीब 30 करोड़ रुपए ईएसआइसी के खाते में जमा हो रहे हैं। इस तरह पिछले 16 साल में इस खाते में मजदूरों का लगभग 500 करोड़ जमा किया गया है। मजदूरों के वेतन से हर माह अंशदान के तौर पर 1.75 फीसदी और नियोक्ता से 4.75 फीसदी लिया जा रहा है।
24 घंटे मिलेगा उपचार
ईएसआइसी हॉस्पिटल में मजदूरों को 24 घंटे उपचार की सुविधा मिलेगी। इससे मजदूर परिवार के घर में कोई बीमार पड़ता है, तो उसे निजी अस्पताल में दाखिल करने के लिए, आर्थिक मदद की खातिर, किसी के सामने हाथ फैलाने की जरूरत नहीं पड़ेगा। इस अस्पताल को केंद्रीय लोक निर्माण विभाग, रायपुर तैयार किया है।
2016 में किया गया था भूमि पूजन
भिलाई में 100 बिस्तर के कर्मचारी राज्य बीमा निगम के हॉस्पिटल का 4 अप्रैल 2016 को तात्कालीन केंद्रीय श्रम व रोजगार मंत्री बंगाारू दत्तात्रेय, तात्कालीन मुख्यमंत्री डॉ. रमन सिंह की मौजूदगी में भूमिपूजन किया गया था।
शुरू हो रही ओपीडी और इमरजेंसी सेवा
डॉक्टर एमएन मंसूर, मेडिकल सुप्रिडेंट, ईएसआईसी, भिलाई, ने बताया कि ईएसआईसी हॉस्पिटल, भिलाई में फिलहाल ओपीडी, 24 घंटे इमरजेंसी के साफ फार्मेसी की सुविधा मिलेगी। यह 200 बेड का है, वर्तमान में 100 बेड से शुरू कर रहे हैं। धीरे-धीरे कर विस्तार किया जाएगा।