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CG News: पटाखा फैक्ट्री में हादसे के बाद अवैध दुकानों को मिला नोटिस, फिर भी बिना लाइसेंस बिक रहे पटाखे छावनी सीएसपी हरीश पाटिल ने बताया कि पान दुकानों पर जर्दायुक्त गुटखा बिकने की शिकायते मिल रही थी। इस बीच मुखबिर के जरिए अवैध गुटखा फैक्ट्री की सूचना मिली। एसपी जितेन्द्र शुक्ला के निर्देश पर जामुल, खुर्सीपार टीआई और छावनी थाना प्रभारी के साथ टीम गठित की। बुधवार और गुरुवार की रात करीब 3.30 बजे टीम को लेकर उमदा रोड पहुंचे। सड़क किनारे बने एक विशाल बंगले के पीछे गली में गए। जहां तीक्ष्ण बदबू आ रही थी। जब उस मकान में जाकर देखा तो अंदर से कंडी लगी थी। आवाज देने पर एक
कर्मचारी ने खोला। सीधे टीम लेकर अंदर घुसे। जहां दो मशीन चल रहा थी। जिससे जर्दायुक्त गुटखा को बनाकर पैकिंग किया जा रहा था। मौके से 10 कारीगरों को पकड़ा गया। इसके अलावा एक गाड़ी में तिरपाल से लोड गुटखा भरा था। गाड़ी रवाना होने की तैयारी में थी। एक चालक गाड़ी छोड़कर भाग गया। इस कार्रवाई में गुटखा से भरे तीन मालवाहक वाहन को जब्त कर भिलाई तीन थाना खड़ी किया गया। गाड़ी गुटखा के बंडल की गिनती की जा रही है।
सूत्रों से पता चला कि साजीद खान गुटखा किंग है। वह कारोबार वर्षों से कर रहा है। पूर्व में तात्कालीन एसपी ने जेवरा सिरसा चौकी क्षेत्र में कार्रवाई की थी। आरोपी साजिद खान इस कारोबार से बड़ी संपत्ति बना लिया है। आलिशान बंगाला, गुटखा फैक्ट्री और फार्म हाउस और लैग्जरी वाहनें हैं। वह
भिलाई तीन उमदा रोड हाउसिंग बोर्ड कालोनी के पास धड़ल्ले से गुटखा फैक्ट्री चला रहा था। सुबह और शाम दोनों टाइम माल की सप्लाई कर रहा था।
सात राज्यों में है रोक
छत्तीसगढ़ गुटखा और पान मसाला दोनों पर रोक लगाने वाला चौथा राज्य हो गया है। इससे पहले महाराष्ट्र, हरियाणा और झारखंड दोनों उत्पादों पर रोक लगा चुका है। जबकि बिहार, मध्यप्रदेश और केरल में सिर्फ गुटखे पर प्रतिबंध है।
कोर्ट में नहीं दी जा सकती चुनौती
जानकारी के अनुसार छत्तीसगढ़ में इससे पहले भी 2008 में गुटखे पर प्रतिबंध लगाया गया था, लेकिन निर्माता विरोध में हाईकोर्ट चले गए थे, लेकिन केंद्र के स्पष्ट नियम और सुप्रीम कोर्ट की रूलिंग के कारण गुटखा निर्माताओं को अदालतों से स्टे मिलना भी संभव नहीं होगा।
कैंसर जैसी घातक बीमारी की आशंका
श्रीशंकराचार्य मेडिकल कॉलेज के डीन व मेडिशिन विशेषज्ञ डॉ. राहुल गुलाटी ने बताया कि गुटखा, गुड़ाखू और सुपारी के नियमित सेवन करने वाले कैंसर की चपेट में आ सकते हैं। इससे बचने के लिए समय से पहले ही अपनी बुरी आदतों में सुधार करने की जरूरत है। उन्होंने कहा कि गुड़ाखू भी गुड़ और तंबाकू से बना मंजन है, जो बेहद हानिकारक है। इसका नियमित उपयोग करने वाले बेवजह घातक बीमारियों को निमंत्रण दे रहे हैं। तंबाकू उत्पाद जिंदगी के लिए धीमा जहर है।
बिक रहा पानठेलों पर सितार गुटखा
किसी भी पान ठेलों पर बड़ी आसानी से कई ब्रांड के जर्दायुक्त सितार खरीदा जा सकता है। सूत्र बताते हैं कि सोमनी और नंदिनी एरिया में सितार गुटखा की फैक्ट्री संचालित है। जिम्मेदार विभाग झांकता तक नहीं है। केंद्र ने खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम 2006 के तहत सन् 2011 में नए नियम बनाए गए हैं। जिसके तहत गुटखे पर प्रतिबंध लगाया गया है। केंद्र ने खाद्य संरक्षा एवं मानक अधिनियम तैयार करते समय सुप्रीम कोर्ट के निर्देशों को आधार बनाया गया है। इसके तहत खाद्य पदार्थो को स्पष्ट रूप से परिभाषित किया गया है। इसमें गुटखा और निकोटिन पर पूर्ण प्रतिबंध की बात कही गई है।