सोमवार को सुबह 7 बजे ईडी की सात सदस्यीय टीम रायपुर से निकली। पहली टीम राजनांदगांव में सौरभ जायसवाल के घर पहुंची। बाकी 6 टीमें दुर्ग -भिलाई के अलग-अलग क्षेत्रों में फैल गईं। इनमें से दूसरी टीम ने भिलाई चरोदा पदुमनगर वार्ड- 17 एसएम ए-9 निवासी सुरेश धिंगानी के घर में दबिश दी। एक सफेद कार में आई 6 सदस्यीय टीम ने पूरे मकान को अपने घेर लिया। इसके बाद जांच शुरू की। घर के सदस्यों को सख्त निर्देश दिया कि कोई बाहर नहीं जाएगा। तीसरी टीम सुंदर नगर 119 निवासी सुरेश कुकरेजा के घर पहुंची। कुकरेजा चावल का व्यापार करते हैं। चौथी टीम नेहरू नगर ईस्ट एच-13/सी निवासी गिरीश सावलानी के घर पहुंची। गिरीश सावलानी का मोबाइल का व्यवसाय है। उसका भाई दुबई रिटर्न है।
पांचवीं टीम ने वैशाली नगर निवासी भारत रमानी के घर दबिश दी। इनका मेडिकल का बड़ा कारोबार है। छठवीं और सातवीं टीम वैशाली नगर के सुदामा बत्रा और उसका भतीजा कैलाश बत्रा के घर पहुंची। इनका कपड़ा का कारोबार है। दुल्हेराजा के नाम से व्यवसाय करते हैं।
इनके ठिकानों पर रेड – सौरभ जायसवाल- चावल कारोबारी
– सुरेश धिंगानी- पटाखा कारोबारी
– सुरेश कुकरेजा- चावल व्यापारी
– गिरीश सावलानी- मोबाइल कारोबारी
– भारत रमानी- मेडिकल कारोबारी
– सुदामा बत्रा- कपड़ों के कारोबारी
– कैलाश बत्रा- कपड़ों के कारोबारी
सराफा व्यापारियों की नींद उड़ी ईडी के इस कार्रवाई से सराफा व्यापारियों में हड़कंप मच गया है। जानकारी के मुताबिक उन सराफा व्यापारियों की हालत खराब है जो हवाला में लिप्त हैं। सूचना यह है कि महादेव ऐप का मालिक सौरभ चंद्राकर और रवि उप्पल दुबई से भिलाई- दुर्ग के कारोबारियों से संपर्क कर मोटी रकम को हवाला में उपयोग करा रहे हैं।
कुछ कारोबारियों का पाकिस्तान कनेक्शन जानकारी के मुताबिक जिस घरों में ईडी ने दबिश दी है, इसमें ऐसे भी हैं जिनका संपर्क सीधे पाकिस्तान के सिंध से है। पहले महादेव ऐप के ऑपरेटरों से जानकारी मिली थी कि एक व्यापारी ने पाकिस्तान जाकर महादेव ऐप का सेटअप सिंध से तैयार किया। इसमें दाउद के भाई ने उनका सहयोग किया है। इसलिए ईडी को टेरर फंडिंग को लेकर शक है। जानकारी के मुताबिक ईडी अब एक के बाद एक खुलासा करने वाली है। इस बार छापेमारी ईडी की टीम बिना सुरक्षा बल के आई थी।
सौरभ से मिले क्लू के आधार पर एजेंसी ने मारे छापे ईडी ने नेहरु नगर निवासी ऑर्बिक फूड प्राइवेट लिमिटेड कंपनी के डायरेक्टर शुभम जैन और सौरभ गोस्वामी को पकड़ा था। इनसे ईडी को मिले क्लू के आधार पर महादेव ऐप की तरफ जांच का दायरा बढ़ाया। पता चला है कि उक्त व्यापारियों ने महादेव ऐप की काली कमाई को बाजार में खपाया है। उसे सफेद बनाकर बाजार में चलाने में महादेव ऐप का सहयोग कर रहे हैं। इसी वजह से ईडी ने इन सभी को ठिकानों पर छापेमारी की।