बताया जा रहा है कि शिवनाथ नदी के किनारे बाफना सब गोल्फलिंक्स नाम से टाउनशिप विकसित किया जा रहा है। यहां पोर्च की छत ढलाई करने के दौरान सुरक्षा में घोर लापरवाही बरती जा रही थी। 30 फीट की ऊंचाई पर मजदूर बिना सुरक्षा उपकरण के काम कर रहे थे। कांक्रीट चढ़ाते समय छत ढह गई। इसमें
10 मजदूर दब गए। घटना शाम 5.15 बजे की है।
Bhilai Accident: तत्काल डायल 112 पर सूचना दी गई। वहां काम कर रहे अन्य मजदूरों ने घायलों को बाहर निकाला। पुलिस की गाड़ी से इन्हें जिला अस्पताल और नजदीकी महिमा अस्पताम में भर्ती कराया गया। दो मजदूरों के पैर टूटे हैं। आठ अन्य मजदूर भी घायल हुए हैं। सूचना मिलते ही एसडीआरएफ की टीम पहुंच गई। इन्होंने भी मलबे को हटाकर देखा कि कोई मजदूर दबा तो नहीं है।
Chhattisgarh Accident: 25 एकड़ में प्रोजेक्ट, छत ढहने से सुरक्षा की खुली पोल
बाफना सब गोल्फ लिंक्स का काम दो पेटी ठेकेदार 15-15 मजदूरों से करवा रहे थे। 30 फीट की ऊंचाई पर चार बीम में पोर्च की छत की ढलाई चल रही थी। जैसे ही मशीन से कांक्रीट डाला गया, चारों
बीम नीचे आ गए। इसी के साथ बिना किसी सुरक्षा इंतजाम के काम कर रहे मजदूर मलबे में दल गए। घटना से अफरा-तफरी मच गई। किसी के सिर में चोट आई तो किसी के हाथ और पैर टूटे हैं।
मौत को सामने देखा, लेकिन शुक्र है सब बच गए
प्रत्यक्षदर्शी केशव मिर्झा ने बताया कि विजय टंडन, नरेन्द्र समेत आठ लोग नीचे कांक्रीट का काम देख रहे थे। ऊपर मशीन से कांक्रीट को भेजा जा रहा था। एक लकड़ी नीचे गिरी, हम लोग बच गए लेकिन पूरी छत का स्ट्रक्चर नीचे आ गिरा। इसमें महिला और पुरुष मजदूर मिलाकर 10 लोग दब गए। शुक्र है किसी की जान नहीं गई।
Bhilai Accident: 10 मजदूर गंभीर रूप से घायल
महिमा अस्पताल में सिर्री निवासी घरम यादव (34 वर्ष), मचांदुर निवासी गोपाल राम सेन (33 वर्ष), रिसामा निवासी खिलावन साहू (34 वर्ष), स्टेशन मरोदा निवासी पुष्पा सतनामी (30 वर्ष), प्रमीला साहू (34 वर्ष) और कोसा निवासी लोकेश बंजारे भर्ती हैं। वहीं स्टेशन मरोदा निवासी मुनमुन सतनामी, रीकेश महिलांग, हेमलता साहू और पुष्पा बारले को जिला अस्पताल में भर्ती कराया गया है। आंखों देखी: घायल खिलावन साहू
ठेकेदार के अंडर में काम करते हैं। रोजाना के 500 के हिसाब से हर सप्ताह पैसा मिलता है। ठेकेदार की तरफ से कोई सुरक्षा उपकरण नहीं दिया जाता। बुधवार को पोर्च की छत की ढलाई चल रही थी। बांस और बल्ली से बनाए गए सेट्रिंग के ऊपर मैं काम कर रहा था। करीब
30 फीट की ऊंचाई पर था। अचानक से सब गिरने लगा। समझ नहीं आया कि क्या हुआ। मेरी आंखें बंद हो गई थी। आंख खुली तो मुझे टांग कर बाहर ला रहे थे। पैर फ्रेक्चर हुआ है। हाथ में भी चोट लगी है।
20 फीट की ऊंचाई पर बॉस-बल्ली के सपोर्ट पर स्ट्रक्चर को खड़ा किया गया था। पोर्च ठलाई के काम में ऊपर 10 मजदूर चढ़े थे। मशीन के जरिए कांक्रीट को ऊपर पहुंचाया जा रहा था। इसी बीच अचानक स्ट्रक्चर नीचे गिर गया। 10 मजदूर घायल हुए हैं। उन्हें भर्ती कराया गया है। हेलमेट आदि नहीं पहने थे।
Bhilai Accident: इस घटना में मजदूर घायल हुए है। गनीमत रही कि कोई केजुअल्टी नहीं हुई। इतने बड़े प्रोजेक्ट में सुरक्षा की अनदेखी करते हुए मजदूरों से काम लिया जा रहा था। जांच के लिए हेल्थ एंड सेफ्टी विभाग को पत्र लिखेंगे। लापरवाहों के खिलाफ कार्रवाई होगी।